नवीनतम संघर्ष है अब तो जीवन मे
कभी गम कभी तो हर्ष अब जीवन मे
चलता रहे सदा वही तो अब सद है
जीवन मे सदा संघर्ष व जद्दोजहद है
हर पड़ाव का नया एक मुकाम होगा
ढलता दिन, कभी ढलता शाम होगा
हर शैय की यहाँ पर तय एक हद है
जीवन मे सदा संघर्ष व जद्दोजहद है
जगत मे खुशियाँ और गम रहता है
दोंनो साथ-साथ कभी नहीं रहता है
कही दुआएं तो कंही मिलता बद है
जीवन मे सदा संघर्ष व जद्दोजहद है
हर पड़ाव का भरपूर आनंद लीजिये
जगत के लिए अब कुछ तो कीजिये
हर सदा की मौत जब अंतिम हद है
जीवन मे सदा संघर्ष व जद्दोजहद है
रचनाकार
प्रमेशदीप मानिकपुरी
आमाचानी धमतरी छ ग
9907126431