जो फरा, सो झरा, जो बरा, सो बुतानों 

   


मेरी राय
-जो फरा, सो झरा, जो बरा, सो बुतानों 
-सूंड फैजाबादी। पूरा नाम था दान बहादुर सिंह सूंड। लाजवाब संचालक, बड़े कवि। वह अखबारों में प्रकाशित दो शीर्षकों को एक जगह रख देते थे जिससे पैदा होता था जबरदस्त हास्य और व्यंग। 


जैसे जापान में विश्व सुंदरी प्रतियोगियता- जगजीवन राम विदेश रवाना, रायबरेली में श्रीमती इंदिरा गांधी पराजित-अंधों ने मतदान किया, स्कूल परिसर में छात्रा के साथ बलात्कार- अपराध संवाददाता द्वारा।


मशहूर संचालक श्री सूड़ जी कविसम्मेलनों में संचालन के दौरान एक वैश्विक वैज्ञानिक सम्मेलन की चर्चा अक्सर करते थे। बकौल सूंड जी, इस सम्मेलन में अमेरिका के वैज्ञानिक नें एक तार प्रस्तुत किया और दावा किया कि इसे कोई देख नहीं सकता है।


सम्मेलन में शामिल रूस का वैज्ञानिक उठा और उस तार में छेद कर दिया और दावा किया कि हम इस तार में यही तार डालकर कहीं बांध सकते हैं। फिर आई भारत के वैज्ञानिक की बारी।


बकौल सूड़ जी, भारत के इस वैज्ञानिक ने इस तार पर पर मोहर लगा दिया, मेड इन इंडिया। ऊंघते हुए कविसम्मेलन में ठहाका गूंज उठता था। सूड़ जी, फिर करते थे श्रोताओं से ताली बजाने की अपील और बुला देते थे नए कवि को कविता पाठ के लिए।


भाइयों और बहनों, सूड़ जी की मेक इन इंडिया की यह थ्योरी मुझे आज तब याद आ गयी, जब यह पता चला कि श्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में सगुण रूप पाई लखनऊ की मेट्रो पर आज 5 सितम्बर को लगाएंगे गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ मेड बाई भाजपा की मोहर।


वरिष्ठ पत्रकार श्री राधेकृष्ण ने कहा कि मेड बाई भाजपा के लिहाज से यह एक बडीं उपलब्धि है। मेरी जानकारी के अनुसार यहां के नेतृत्व की मंशा थी कि यह ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ही करें लेकिन उनका समय नही मिल पाया।


पत्रकारिता के दबाव को मस्ती से जीने वाले के न्यूज के शबी हैदर ने कहा कि वह आएं या नहीं आये, मेड बाई भाजपा की ऐतिहासिक शुरुआत खुद उन्होंने ही की थी कश्मीर में जम्बू कटरा एक्सप्रेस के संचालन को हरी झंडी दिखाने के समय।


सूड़ जी अगर आज जीवित रहते तो यह जरूर कहते कि भाइयों और बहनों, आपको जानकर यह प्रसन्नता होगी कि मेड बाई भाजपा का जो कार्य आज श्री राजनाथ जी और श्री योगी आदित्य नाथ जी कर रहे हैं, इसका प्रारम्भ  यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद कराया था।


उनकी कमी गृहमन्त्री श्री राजनाथ ने पूरी की। यह कहकर कि यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय भाई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में मेट्रो की कल्पना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने की थी। यह मेट्रो आज मैं उन्हें अर्पित कर रहा हूँ।


सूड़ जी होते तो श्री राजनाथ जी को आज जरूर याद दिला देते कि आपका ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ का किसान पथ अपनी तकदीर पर रो रहा है। हो सके तो उसके आंसू पोछ दीजिए। कोई सुनता या नहीं सुनता, लेकिन वह यह भी कहते कि मेट्रो की योजना सुश्री मायावती जी के कार्यकाल में बनी थी। श्री अखिलेश यादव जी की सरकार ने इसे मूर्त रूप दिया।


सूड़ जी फिर हंसते हुए कहते कि इसे लेकर बजाओ ताली कि आज 5 सितम्बर को पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में सगुण रूप पायी लखनऊ की मेट्रो पर मेड बाई भाजपा की मोहर यशस्वी गृहमन्त्री श्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी लगा दिए।


मेक बाई भाजपा की इस उपलब्धि की चर्चा शहर में कई दिनों से थी। सपाई इसके विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। चार सितंबर को इसकी चर्चा करते हुए हम लोग आ गए 1090 चौराहे पर। सुश्री मायावती के कार्यकाल से पहले तक यह क्षेत्र दिन में भी डरावना लगता था। बसपा नेत्री सुश्री मायावती के काल में रमणीय रूप पाए इस क्षेत्र पर आज दूर दूर तक सुश्री मायावती जी का चित्र नज़र नहीं आया। 


छह महीने पहले तक जगमगाती श्री अखिलेश यादव जी के स्थायित्व की कथा कहने वालीं स्लाइडें भी नहीं नज़र आईं। आज मेट्रो के प्रारम्भ के अवसर पर भी श्री अखिलेश यादव जी दूर दूर नज़र नहीं आये। उनकी तस्वीरें भी नहीं नज़र आईं। इसलिए याद आ गया महाकवि तुलसीदास जी का दोहा-- 
धरा का प्रमाण यही तुलसी, जो फरा, सो झरा, जो बरा, सो बुतानों।


बहरहाल, राधे जी ने भुगतान किया। इसके लिए मैंने राधे जी से कहा कि ईश्वर आपको सुखी रखे, अल्ला ताला आपको बरकत दे। शबी ने कहा कि ईश्वर आपकी आत्मा को---। मैंने टोका कि क्या बोल रहे हो ? शबी ने कहा कि इनके लिए नहीं, उस सोच को जो तुलसी दास के इस दोहे का अर्थ जब तक कुर्सी पर रहती है, नहीं समझ पाती है। पांच सितम्बर के एक तरफा दृश्य से भी यही लगा।


-धीरेन्द्र श्रीवास्तव