फंस गए दृग मोंह के कंचन हिरन में।
लिख रहा था कुछ विधाता इस चयन में।।
आजमगढ़ । आज शाम उत्तर प्रदेश साहित्य सभा आजमगढ़ के तत्वावधान में चेरब स्कूल हरबंशपुर के सभागार में एक सदस्य कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कवि गोष्ठी में मां सरस्वती की स्तुति राकेश पांडे सागर द्वारा किया गया इसके पश्चात काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता जन्मेजय पाठक ने किया तथा अतिथिगण के रूप में अंबुज राय ब्यूरो चीफ अमर उजाला, पवन कुमार सिंह समाजसेवी एवं सामाजिक कार्यकर्ता , डॉ. प्रवेश सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी संकाय चंदेश्वर डिग्री कॉलेज तथा जनार्दन पांडेय नाचीज कवि एवं शायर थे। कार्यक्रम में सबसे पहले शायर आदित्य आजमी ने अपने कलाम इस जिंदगी का भरोसा ही क्या है, दामन छुड़ा लेगी यह बेवफा है सुना कर भाव विभोर कर दिया।
इसके पश्चात हास्य और व्यंग के कवि शैलेंद्र मोहन राय अटपट जी ने छोड़े ना तनिको उधारी हो रामा अबला ह नारी। सुन कर वातावरण को हास्यमय कर दिया ।इसके पश्चात स्नेह लता राय ने अपनी रचना आदर्श की राह में प्यारे खार बहुत है, जीत मिलेगी उससे पहले हार बहुत है। सुना कर लोगों के बीच में चेतना जागृत किया।
मशहूर गजलकारा डॉ. आशा सिंह ने वह कई किरदार मुझ में ढूंढता है जादुई संसार मुझ में ढूंढता है सुना कर लोगों को गंभीरता का एहसास कराया। मऊ से पधारे हुए कवि जनार्दन पांडे नाचीज ने अब नजर उनको हमारी खामियां आने लगी, जैसे-जैसे इश्क में नजदीकियां आने लगी। बेहतरीन गजल से लोगों को रूबरू किया। कार्यक्रम के आयोजक रत्नेश कुमार राय ने हंसने दो बिटिया रानी को इस सुघर पुष्प को खिलने दो सुना करके बहुत ही भावुक और मार्मिक रचना से वातावरण को संजीदा बना दिया।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे विजयेन्द्र प्रताप श्रीवास्तव करुण ने अपनी रचना फंस गए दृग मोह के कंचन हिरन में, रच रहा था कुछ विधाता इस चयन में। सुना करके भगवान राम के पावन चरित्र का उल्लेख किया। कवि सम्मेलन में करीब दो दर्जन कवि यथा ताज आजमी ,रामबचन यादव ,राकेश पांडे ,राजकुमार आशीर्वाद, बृजबाला श्रीवास्तव अरविंद सिंह, इत्यादि कवियों ने भी अपनी रचनाओं से देर शाम तक समां बांधे रखा।