सड़क दुघर्टनाओं से सबक जरूरी है ।

पूरे देश में सड़क दुघर्टना तेजी से बढ़ रही है नियमों का लचीलापन के कारण दम तोड़ती व्यवस्था ने हादसों को बढ़ा दिया है टू व्हीलर वाहन चालक  में युवा वर्ग ऐसी गाड़ियां चलते हैं जैसे एयरोप्लेन चला रहे हैं । तेज गति   वाहन चालकों के लिए कलंक है ज़िन्दगी के साथ खिलवाड़ इतना महंगा पड़ जाता है। जिससे पूरे परिवार की परेशानी बढ़ जाती है मानसिक व शारीरिक हानि के साथ मृत्यु भी हो जाती है। जिसकी चिंता केन्द्र सरकार को भी है। यातायात विभाग व सड़क परिवहन विभाग व रोड सेफ्टी नियमों पर कानून बना रही है। 

छोटी गाडियां हो या बड़े वाहन चालक व  परिचालक व उस दुघर्टनाओं में घायल व्यक्ति को प्राथमिकता की दुष्टी में इलाज के लिए  नियमों नया पन लाये  की जरूरत बहुत ज्यादा है । दुघर्टना में शिकार व्यक्ति को कोई हाथ नहीं लगता अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं रहता समय ऐसे ही बीत जाता है ,वह सोचता है कौन पुलिस के लफड़े में पढ़ेगा । बार बार थाने कौन जायेगा इसी कारण वह पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए नहीं ले जाता व 108 या पुलिस का  इंतजार करता है तब तक वह मौत के करीब पहुंच जाता है।

 सड़क हादसों की इन घटनाओं से दम तोड़ती व्यवस्था को देखकर ऐसा लगता है कि ट्राफिक के नियमों में सर्जरी की ज़रुरत है, वाहन चालक भी लापरवाही से  गाड़ी चलते है और अपने कार्यत्व से मूंह मोड़ लेते हैं ।

यातायात व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरी है जिन्दगी इतनी सस्ती नहीं है और दोबारा भी नहीं मिलती है। इस लिए अपने वाहन जिम्मेदारी से चलायें । दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों की कहानी देखें तो मन सहम जाता है उसे सुनकर ही खौफनाक मंजर सामने आ जाता है । दुर्घटना में तड़फते घायलों की मजबूरी यही है कि लोग मदद नहीं करते उस की जीवन लीला वहीं समाप्त हो जाती । 

घायलों को तरित्व इलाज मिले उसके लिए भी ठोस उपाय होना चाहिए। उनके लिए सर्वसुविधायुक्त एंबुलेंस हर चौराहे पर होना चाहिए हाईवे पर फोरलेन सड़कों पर भी तरित्व सेवा वाहन रात दिन हो जो जीवन बचाने हेतु सहायक हो । लापरवाही से और शराब पी कर अन्य प्रकार के कोई से भी नंशे में वाहन चलाना कानूनी अपराध हो । सख्ती से  नियमों में और कठौर प्रवधान होना चाहिए। हिट एंड रन के मामले में एक तरफा नियम नहीं होना चाहिए दोनों के प्रति सख्ती हो डर हो दोनों पक्ष गाड़ी देखकर चलायें ,जिससे दुघर्टनाओं का ग्राफ कम हो । 

जान-माल का नुक़सान नहीं हो इसके लिए सार्थक प्रयास होना चाहिए। कानून को बनने के लिए हर एक पक्ष का समर्थन हो गलतियों पर कठौर सबक भी मिले । वाहन चालक अपनी जिम्मेदारी से बचें नहीं नियमों के अनुसार हेलमेट सीट वेल्ट जरूरी है सिर्फ चालानी कार्रवाई से बचने के लिए हेलमेट नहीं या आप के सिर की रक्षा के लिए कवच का काम करता है। क्योंकि जान है तो जहान है और लोग इस बात को भुल जाते हैं गलतियां करते हैं और काल के ग्रास बन जाते हैं रोड कोई करतब दिखाने के लिए नहीं होती है रफ्तार पर ब्रेक लगाना ही होगा इसकी शिक्षा स्कूलों से शुरू कि जाये । 

यातायात व्यवस्था का पालन व वाहन चलाये कैसे कब कौन से सिग्नल पर रुकना है कब गाड़ी आगे बढ़ना है इस की शिक्षा स्कूलों कालेजों में दी जाना चाहिए यह बहुत जरूरी है  छोटी उम्र के युवा सबसे ज्यादा शिकार होते हैं , क्योंकि दुघर्टना से देर भली है। सड़क दुघर्टनाओं में कानून बनाने वाले विभाग को नियमों में सरलता से लाने हेतु जिससे दुघर्टनाएं कम हो मौत कम हो इसका ध्यान रखना चाहिए। हमें भी नियम अनुरूप वाहन चलाना चाहिए , यह हमारा फर्ज भी है और कार्यत्व भी है ।

प्रेषक - लेखक हरिहर सिंह चौहान जबरी बाग नसिया इन्दौर मध्यप्रदेश 452001

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