त्रुटियों से इंगित करा रहा है कोई
हमें सही राह दिखा रहा है कोई
है फरिश्ता खुदा का बंदा कोई
जिन्दगी जीना सीखा रहा है कोई
कौन सी वस्तु हाथ लगाना है यहाँ
हर वस्तु के बारे में बता रहा है कोई
हम तो अनजान है इस जमाने से यहाँ
सबसे परिचय मेरा करा रहा है कोई
बड़े बुजुर्गो का सदा सम्मान करना
ऐसी नसीहत मुझे दे रहा है कोई
इस जहां में लोग बहुत मीठे होते है
इनसे बचके रहना समझा रहा है कोई
सम्बन्धों में सदा प्रेम भाव रखना
मौन रिश्ता टूटे न बता रहा है कोई
नाम:- प्रभात गौर