डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला पर्यावरण एवं गंगा संरक्षण समिति की बैठक

बहराइच । शनिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला पर्यावरण एवं गंगा संरक्षण समिति की बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वर्षाकाल 2023 की भांति वर्षाकाल 2024 में भी 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। श्री शर्मा ने बताया कि वर्षाकाल 2024 में जनपद हेतु 61 लाख 18 हज़ार 840 पौध रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

जिसमें वन विभाग (बहराइच वन प्रभाग) द्वारा 16 लाख 10 हज़ार व ग्राम्य विकास द्वारा 26 लाख 22 हज़ार, कृषि द्वारा 05 लाख 24 हज़ार, उद्यान द्वारा 03 लाख 23 हज़ार, पर्यावरण द्वारा 02 लाख 68 हज़ार, राजस्व द्वारा 02 लाख 19 हज़ार व पंचायती राज विभाग द्वारा 02 लाख 66 हज़ार पौध रोपित किये जायेंगे।

डीएफओ श्री शर्मा ने बताया कि आवास विकास 7000, औद्योगिक विकास 12000, नगर विकास 31000, लोक निर्माण 17000, जल शक्ति 17000, रेशम 28000, पशुपालन 12000, सहकारिता 11760, उद्योग 11000, ऊर्जा 8960, मायमिक शिक्षा 16000, बेसिक शिक्षा 25000, प्राविधिक शिक्षा 7000, उच्च शिक्षा 27000, श्रम 2600, स्वास्थ्य 17000, परिवहन 2400, रेलवे 20000, रक्षा 6000 व गृह विभाग द्वारा 8120 पौध रोपण किया जाना है। श्री शर्मा ने बताया कि राजस्व, आवास विकास, औद्योगिक विकास, पा्रविधिक शिक्षा तथा रेलवे हेतु निर्धारित लक्ष्य 265000 को अन्य विभागों के लक्ष्य में समाहित किया जाना है तथा पर्यावरण विभाग के लक्ष्य 268000 को विगत वर्ष की भांति 168000 किया जाना है। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि वर्षाकाल 2023 में रोपित किये गये पौधों की जीवितता, सुरक्षा, सिचाई तथा समुचित रख-रखाव के सम्बन्ध में पर्यावरण, ग्राम्य विकास, लोक निर्माण, कृषि, उद्योग, ऊर्जा, माध्यमिक, बेसिक, प्राविधिक शिक्षा, श्रम, रक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूचना अप्राप्त है।

डीएम मोनिका रानी ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि वर्षाकाल 2023 में रोपित किये गये पौधों के सम्बन्ध में अपेक्षित सूचना तत्काल डीएफओ बहराइच को प्राप्त करा दें तथा वर्षाकाल 2024 में पौधरोपण के लिए निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति हेतु समय से पूर्व फुलप्रूफ कार्ययोजना तैयार कर लें। 

डीएम ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि पौध रोपण के लिए भूमि के अनुसार पौधों का चयन करें तथा रोपित किये गये पौधों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि यदि विभाग के पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध हो तो लक्ष्य से अधिक पौध रोपित करने का प्रयास किया जाय तथा पौधरोपण अभियान की जनजागरूकता हेतु विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रेरित किया जाय।

डीएम मोनिका रानी ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि नदियों के दोनों तटों पर बसे ग्रामों के किसानों को जलीय जीवों एवं पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनज़र रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करने हेतु जागरूक किया जाय। डीएम ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नदी तथा जंगल के किनारे बसे गांवों को प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ शौचालयों से आच्छादित किया जाय ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं में भी कमी लाई जा सके। जनपद को प्लास्टिक मुक्त बनाये जाने के लिए डीएम ने व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन में जन जागरूकता लायी जाय साथ ही प्रभावी ढंग से प्रवर्तन की कार्यवाही कर दोषी लोगों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की जाय।

बैठक के दौरान नदी के घाटों का पुनरोद्धार, सरयू में गिरने वाले नालों के पानी को फाइटो रेमीडिएशन प्लान के माध्यम से गंगे पानी के प्रदूषण को कम करना, जनपद में औद्योगिक प्रदूषण को कम करने, आर्द्र भूमि और छोटी नदी पुर्नजीवन के अन्तर्गत टेढ़ी नदी को संरक्षित करने पर चर्चा के दौरान डीएम ने कहा कि  नदियों को प्राकृतिक एवं मूल स्थिति में लाये जाने के लिए जन जागरूकता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह कार्य जन सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता है। डीएम ने नदियों के तट पर बसने वाले ग्रामवासियों तथा आमजन को नदियों में प्लास्टिक व कूड़ा कचरा न फेकने हेतु जागरूक करने का भी सुझाव दिया।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी रम्या आर, सीएमओ डॉ. एस.के. सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर राजीव सिसोदिया, डीसी मनरेगा के.डी. गोस्वामी, बीएसए अव्यक्त राम तिवारी, तहसीलदार कैसरगंज अजय यादव, एआरएम रोडवेज़ प्रेम प्रकाश सहित अन्य अधिकारी सहित जिला पर्यावरण समिति के सदस्यगण मौजूद रहे।