World Cup 2023: शानदार फॉर्म में चल रहे हैं रोहित शर्मा, ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को भारतीय टीम ने दी मात, अगली भिड़ंत बांग्‍लादेश से

पुणे। इस साल ओवल में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हारने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि हम इस पर ध्यान देंगे कि टीम अगले दो साल तक किस ब्रांड का क्रिकेट खेलना चाहती है? टीम ने घर में चल रहे वनडे विश्व कप के शुरुआती तीन मैचों में दिखा दिया है कि रोहित जिस ब्रांड की बात कर रहे थे वह यही है।

ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को ध्वस्त करने वाली भारतीय टीम ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी में तो अपनी एप्रोच बदली है, साथ में उसके कप्तान भी आक्रामक नजर आ रहे हैं। पिछले दो साल से बल्लेबाज के तौर पर आक्रामक क्रिकेट खेलने की कोशिश कर रहे रोहित को अफगानिस्तान में शतक के साथ राह मिल गई। उन्होंने इसको पाकिस्तान के विरुद्ध भी जारी रखा।

उन्होंने बल्लेबाजी के साथ अपनी कप्तानी में भी बदलाव किया है, अब वह मैच को जल्दी खत्म देने पर ध्यान दे रहे हैं। वह मौके का इंतजार नहीं कर रहे हैं बल्कि मौके बना रहे हैं। पाकिस्तान के विरुद्ध मैच में बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान के बीच तीसरे विकेट के लिए 82 रनों की साझेदारी हो गई थी, तब भारत को विकेट चाहिए था। अगर वहां पर विकेट नहीं गिरता तो पाकिस्तान 300 तक भी पहुंच सकता था।

उस समय रोहित शर्मा ने बुमराह की जगह साझेदारी तोड़ने के लिए सिराज को लगाया, जबकि नई गेंद से उन्होंने दो ओवर में 19 रन दिए थे। 33वें ओवर में जब कुलदीप ने सऊद शकील और इफ्तिखार अहमद को आउट किया तो रोहित ने दूसरे छोर से सिराज की जगह बुमराह को लगा दिया और उन्होंने आते ही ओवर की आखिरी गेंद पर फॉर्म में चल रहे रिजवान को आउट कर दिया।

इन सब कारणों से ही पाकिस्तानी टीम 191 रनों पर ऑलआउट हो गई। रोहित कुलदीप को दूसरे नहीं बल्कि आक्रामक अंदाज में इस्तेमाल कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस टीम में सबको अपना रोल पता है और रोहित के मन में यह पूरी तरह साफ है कि किसे अंतिम एकादश में जगह देनी है।

2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 वनडे विश्व कप, 2021 टी-20 विश्व कप, 2021 डब्ल्यूटीसी फाइनल, 2022 टी-20 विश्व कप और इस साल हुए डब्ल्यूटीसी फाइनल में चयन और एप्रोच में जो गलतियां हुईं थी वह अब तक नहीं दिखी हैं।

रोहित ही नहीं टीम के बाकी सदस्यों में भी आक्रामक मानसिकता दिख रही है। हम कह सकते हैं कि 2011 के बाद 2023 में हमें ऐसी टीम नजर आ रही है जो अपने घर में तीसरी बार वनडे विश्व कप ट्रॉफी उठाने में सक्षम है।

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा कप्तानी मिलने के साथ ही आक्रामक हो गए हैं। वह बल्लेबाजी में एक नए अवतार में दिख रहे हैं। उनका यह अवतार टीम की आवश्यकता के अनुरूप भी है। रोहित का ओवरऑल रिकॉर्ड ओपनर बनने के साथ ही बदल गया था और इसका प्रमाण है वनडे में 10000 रन बनाने वाली विशेष सूची में उनका सम्मिलित होना।

इसकी बात नहीं भी करें तो विश्व कप में रोहित का रिकार्ड अद्भुत है। 66.39 की औसत, सात शतक यह इस प्रारूप में बल्लेबाजी का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। परंतु, कप्तान के रूप में रोहित का नया अवतार उनकी सबसे रोचक उपलब्धि है। वनडे में बल्लेबाज के रूप में 2016-2019 रोहित शर्मा का स्वर्णिम काल था।

इस दौरान उनके बल्लेबाजी रिकॉर्ड अद्वितीय हैं। वनडे में इन चार में से तीन वर्षों में उन्होंने 1000 से अधिक रन बनाए थे। इस दौरान 2018 में उनकी स्ट्राइक रेट 100.1 थी, जो अधिकतम थी। 2016 में उन्होंने 95.3, 2017 में 99.5 और 2019 में 89.9 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे। परंतु, 2021 के बाद से जो बदलाव रोहित में आया है, वह यह है कि रोहित अब अधिक आक्रामक हो गए हैं।

2022 में रोहित ने 114.2 और 2023 में अब तक 116.5 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। स्वर्णिम वर्षों में रोहित की पहचान बड़े शतक करने से थी। इसी काल में उन्होंने वनडे में तीन दोहरे शतक जड़े, परंतु कप्तान बनने के साथ ही उनके स्ट्राइक रेट में उछाल आ गया है। वह तेजी से रन बना रहे हैं क्योंकि वह यह मानते हैं कि अब टीम को इसी की आवश्यकता है।

अब रोहित के लिए शतक उतना महत्व नहीं रखता जितना भारत को एक तेज शुरुआत दिलाना, क्योंकि जब वह इस अंदाज में बल्लेबाजी करते हैं तो मैच भारत की झोली में आ जाता है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के विरुद्ध उनकी पारियां इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।