एम् एल सी यशवंत से मिला शिक्षको का प्रतिनिधि मंडल

दी जन्मदिन कि हार्दिक शुभकामनाए विरले ही पैदा होते है यशवंत सिंह जैसे नेता - कमलेश राय

जहानागंज आजमगढ़। प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह से राजनीतिक गुण सीखने वाले पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह से बुधवार को पत्रकार वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षक नेता कमलेश राय के नेतृत्व में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल श्री चंद्रशेखर जी स्मारक ट्रस्ट पर मिला और उनके 66 वें जन्मदिवस की अनंत शुभकामनाएं दी। एमएलसी यशवंत सिंह के 66 वें जन्मदिवस के अवसर पर ट्रस्ट परिसर में शुक्रवार से ही रामायण पाठ आयोजित है एवं उनका जन्मदिन उनके समर्थकों द्वारा गुरुवार को विधिवत मनाया जाएगा। जिसके लिए आजमगढ़ और मऊ में जगह जगह होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए है। बताते चले कि यशवंत सिंह का राजनीति क जीवन भी काफी संघर्षों से भरा रहा। 

मऊ जनपद के अल्देमऊ से निकल कर गोरखपुर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के कुछ दिनों बाद ही देश में आधी रात लगे आपातकाल ने यशवंत सिंह के मन को झकझोर कर रख दिया और सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन में कूद पड़े जिसका नतीजा यह हुआ कि यशवंत सिंह को जेल जाना पड़ा और उन्होंने जेल में ही जनता की सेवा का मन बना लिया जेल से निकलने के बाद जनता पार्टी में शामिल हो गए पार्टी ने उनके आक्रमक तेवर को देखते हुए छात्र इकाई का अध्यक्ष बना दिया।

 श्री सिंह यही नहीं रुके जनता की आवाज को कैसे सदन में पहुंचाई जाय इसके लिए मुबारकपुर से विधानसभा की अपनी दावेदारी ठोक दी लेकिन अपना पहला चुनाव चंद मतों से हार गए। लेकिन मजबूत आत्मबल से जनता की समस्याओं को लेकर लगातार संघर्ष करते रहे जिसका परिणाम रहा कि यशवंत सिंह को मुबारकपुर की जनता ने  दो बार विधायक बनाया। इसके बाद यशवंत सिंह  लखनऊ की राजनीतिक गलियारो में अपने कुशल व्यक्तित्व से कदावर नेता के रूप में चर्चित हुए ।उनकी लोकप्रियता और अच्छी पकड़ को भांप कर  सपा ने उन्हें तीन बार विधान परिषद भेजा । 

धीरे धीरे यशवंत सिंह का कद इतना बड़ा हो गया कि उत्तर प्रदेश की सरकार को बनाने और बिगाड़ने में उनकी अहम भूमिका की चर्चा जन-जन में होने लगी मुबारक विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने अपने कार्यकाल में विकास की गंगा बहा दी थी जिसकी चर्चा जन-जन के जुबान पर होने लगी कि किसी नेता ने अपने इलाके में इतना विकास कार्य नहीं किया है । 

प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितिया और माहौल धीरे-धीरे बिगड़ना शुरू हुई थी और लोग समाजवादी पार्टी के खिलाफ थे इसका परिणाम रहा की 2017 के विधान सभा के चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार आईं और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने इस दौरान यशवंत सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्रियाकलापों से प्रभावित हुए और उनका झुकाव योगी की तरफ हो गया।

मुख्यमंत्री को 6 महीने के अंदर किसी सदन का सदस्य बनना आवश्यक था। यशवंत सिंह ने त्याग और समर्पण के साथ संबंधों का निर्वहन करते हुए विधान परिषद से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को अपनी सीट से विधान परिषद जाने का रास्ता साफ कर दिया। कुछ दिन बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यशवंत सिंह के कुशल क्रियाकलापों का मूल्यांकन करते हुए उन्हें भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित कराया । 

पत्रकार वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षक नेता कमलेश राय ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में अपने संघर्षों के वल पर अपनी अलग पहचान बनाने वाले यशवंत सिंह जैसे प्रतिभाशाली नेता विरले ही पैदा होते है आज भी उनके साथ लोगों का अटूट विश्वास और प्रेम जुड़ा है। जन जन के सहयोग के बल  पर हाल ही मेंउन्होंने निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपने पुत्र विक्रांत सिंह को ऐतिहासिक मतो से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित कराकर अपनी राजनीतिक पकड़ का लोहा सबको मनवाया है ।

हम सभी उनके स्वस्थ, दीर्घायु,यशश्वी होने की कामना करते है । इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख रमेश कन्नोजिया, सठियांव प्रमुख अरविंद सिंह, लालबहादुर सिंह लालू ,उदय शंकर चौरसिया, अशोक पाण्डेय, दीपक यादव ,अमित कुमार कौशल, अशोक यादव, राहुल सिंह ,राकेश सिंह, राजेश सिंह, रवि प्रकाश मौर्य ,अजय सिंह ,राणा प्रताप सिंह, वेदव्यास मिश्रा, शिव प्रकाश चौबे, रमेश सिंह बबलू राम ,अतुल चौबे, चंचल चौबे ,बृजेश कांदू राम अवतार जायसवाल सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।