लेकिन हमेशा ये जरूरी तो नहीं कि वो हंसी दिल से निकले। जिंदगी में कुछ दौर ऐसे भी आते हैं जब हंसी किसी बोझ की तरह हो जाती है। लाफ्टर क्वीन अर्चना पूरन सिंह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था, और अब उस पल को वो सदमे की तरह देखती हैं। दरअसल, ‘इंडियाज लाफ्टर चौंपियन’ शो लॉन्च इवेंट के दौरान शेखर सुमन को एक किस्सा शेयर करते हुए अर्चना ने कहा की, ‘हमें हमेशा हंसते रहना होता है। लेकिन कई बार हमारी हंसी में दर्द भी होता है। जो लोगों को दिखाई नहीं देता है। कई बार आपको न चाहते हुए भी हंसना पड़ता है।
यही एक कलाकार का जीवन होता है। आज भी जब मैं वो पल याद करती हूं, तो मेरी आंखों से आंसू बहने लगते है। वही अर्चना ने किस्सा सुनाते हुए कहा की ये उस वक्त की बात है जब मैं कॉमेडी सर्कस की जज थीं। मेरी सास उस वक्त अस्पताल में एडमिट थीं और मुझे शो की शूटिंग के लिए सेट पर आना पड़ा। लेकिन आधे शो में मुझे अपनी सास के निधन की खबर मिली। तब मैने प्रोडक्शन को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि आप अपनी हंसी और रिएक्शन रिकॉर्ड करवा दीजिए और चलीं जाइए। उस वक्त मैं जोर-जोर से हंस रही थी, जबकि मुझे अंदर से फूट-फूटकर रोना आ रहा था, लेकिन रो भी नहीं सकती थी।
मुझे सबसे ज्यादा मुश्किल समय यही लगा। लेकिन वह मेरी मजबूरी थी। भगवान ऐसी सिचुएशन में किसी को न डालें। वहीं अर्चना ने ये भी बताया कि जब उनके बेटे का पैर फ्रैक्चर हुआ था तब भी वो ऐसे ही दौर से गुजरी थीं जहां एक मां होने के नाते वो बेटे को चोट लगने से परेशान थीं लेकिन फिर भी उन्हें हंसते रहना था और ये करना उनके लिए मुश्किल ही नहीं बल्कि दुखदायी भी था। अर्चना अभी भी इन सारे हादसे को याद कर के बेहद भवुक हो जाती हैं। और बस यही कहती हैं की भगवन ऐसा दिन किसी को ना दिखाए।