वन विभाग घोटाला : जाँच पूरी जल्द ही होगी कार्यवाही व सरकारी धन की बसूली - डीएफओ

- घोटालेवाजो ने डीएफओ को मौके पर बो नही दिखाया जहाँ घोटाले के अहम सबूत थे 

कन्नौज। राज्य मंत्री के जांच आदेश के बाद वन विभाग में हड़कंप मचा । जिलाधिकारी की चिट्ठी के बाद महकमे के जिम्मेदारो को मौके पर जाना ही पड़ा जमीनी हकीकत जानने के लिए । क्योकि राज्य मंत्री असीम अरुण ने सीधे जिलाधिकारी सुभ्रान्त शुक्ला से वन विभाग में बृक्षारोपण के नाम पर हुए घोटाले पर आख्या मांगी थी । तो जब जिले के जिम्मेदारों की बात आई तो डीएम ने भेज दी घोटाले बाज महकमे को चिट्ठी । 

चिट्टी मिलते ही महकमे के जिम्मेदारों की नींद खुल गई और विभाग में हड़कंप सा मचा हुआ है । एक दो नही जनपद में लगभग एक दर्जन से ज्यादा ऐसे वन ब्लॉक है जहाँ पर वृक्षारोपण के नाम पर जम के घोटाला किया गया ।। मजेदार बात तो यह हुई कि जो पेड़ लगे ही नही उसके रख रखाव का मिलने बाला पैसा भी भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ गया । 

इस पूरे मामले में जब डीएफओ हेमंत सेठ मौके पर गए तो उन्होंने खुद स्वीकार किया कि कुछ जगह पर बृक्षारोपण नही हुआ पाया गया है इसमें उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जो जांच वन रेंजर लल्लू सिंह को सौंपी थी उनकी भी जांच रिपोर्ट आ गई है उसमें भी यह तथ्य पाए गए कि सरकारी धन का दुरुपयोग एवं बृक्ष नही लगाए गए इसमें जो कार्यवाही लगभग सुनिश्चित कर ली गई है । इसमें दोषियों को दंड के साथ साथ उनसे सरकारी धन की बसूली भी कराई जाएगी ।

बैसे तो रेंजर के कारनामो की इतने कम समय मे बड़ी लंम्बी लिस्ट है जैसे डीएफओ को ऐसे रास्ते से मौके पर भेजना की घोटाले बाली जगह से दूर ही रहे मोके पर पहुँचे हो नही। दूसरा रेंजर के एक कर्मचारी ने वन ब्लॉक में डीएफओ के आने से पहले ही पानी भर दिया। 

जिससे रास्ता ब्लॉक रहे। डीएफओ को महकमे के घोटाले बाज लोग उधर से ले ही नही गए जहाँ से पूरी तस्वीर साफ हो सकती थी जैसे सुरसी वन ब्लॉक , बरेवा वन ब्लॉक , खैर नगर व औसेर वन ब्लॉक में डीएफओ को ले ही नही गए। खैर कुछ चीजें डीएफओ हेमंत सेठ को पकड़ में मिली जो घोटाले बाजो के ऊपर कार्यवाही के लिए काफी थी। अव वन रेंजर अपने अधीनस्थ घोटाले बाजो को बचाने की भरपूर कोशिश में लगे है ।

सूत्रों की माने तो वन ब्लॉक हरेपुर में घोटालेबाज गैग द्वारा खाली गड्डो में पेड़ लगाए जा रहे है। भारी तादात में मजदूरों की फौज लगाकर जिसकी जानकारी पत्रकारों ने डीएफओ को भी दी। डीएफओ का कहना था कि कितना भी प्रयास कर ले अब कार्यवाही से बच नही पाएंगे। अब सबाल यह है कि आखिर वन रेंजर वन दरोगा व बहुचर्चित वन रक्षक कमालुद्दीन को कौन बचा रहा कब होगी इन तीनो पर कार्यवाही ।