छत्तीसगढ़ मोर महतारी के
मैं हर चरण नवावँव माथ हे
मैं हर छत्तीसगढ़ीहा भईया
तोर झन छूटय कभू साथ हे।
छत्तीसगढ़ीहा बोली-भाखा
निच्चट गुरतुर मोला लागे हे
छत्तीसगढिहा सबले बढिहा
सोला-आना सहिच लागे हे।
इहा के वासी सिधवा-बपुरा
झूठ-लबारी कभू नई जाने हे
ईमान-धरम के रद्दा म चलके
अपन जिनगानी ल सवाँरे हे।
पर सेवा हित करम-कमाई
एमन के रग-रग म समाए हे
जस-नेकी अउ करय भलाई
इहिच म ए मन सुख पाए हे।
इहाँ के मनखे इहाँ के वासी
कुल-पुरखा के लाज रखे हे
रीत-नित के डाहर म चलके
आस-विसवास अपन धरे हे।
इहाँ के परब तीजा अउ पोरा
अउ छेरछेरा-हरेली-तिहार हे
इहिच म सब दया-मया भरे हे
जेमा दिखथे सुमता के सार है।
अशोक पटेल "आशु "
तुस्मा,शिवरीनारायन(छ ग)
9827874578