फिर भाजपा अपने विजन में लग गई ।

चुनावी साल में बजट पर अपने धन्यवाद प्रस्ताव में दस सालों का लेखा जोखा तो उन्होंने संक्षिप्त में जरूर बता दिया साथ ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार में देश कहा पहूंच गया । इस पर भी आत्ममंथन करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिर एक बार अपनी पार्टी का विजन व आंकड़ों का गणित 370 के पार बता दिया है । जब देश निरंतर विकास के साथ साथ तरक्की की राह में अग्रसर हो गया है ऐसे समय में देश के प्रधानमंत्री का यह धन्यवाद प्रस्ताव भाजपा और उनके सहयोगी दलों का विजन ही कहा जा सकता है।

 विपक्षी दलों में जिस प्रकार हर दिन खींचतान दिख रही है आपसी समन्वय का अभाव से टुटता विपक्ष को भी उन्होंने आईना दिखाया। बिखरता टुटता कुनबा एकला चलो की रणनीति से लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष कैसे अपना स्थान बना पायेगा। इस पर काटक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि परिवारवाद पर राजनीति करना देश के लिए ठीक नहीं है हर एक देशवासियों को पूरा हक है देश की सेवा करने का हर एक ऊंचे से ऊंचा पद उसके लिए खाली हो सकता बस कोशिश करते रहना चाहिए। 

राजनीति की पुरानी सोच को अब तो बदलना  होगा लड़कपन से कुनबे के साथी अलग-अलग हो रहे हैं जो विपक्ष एकजुट होकर सत्ता के लोगों को गलतियों का अहसास करते थे वह आज अपने अपने  में ही लगे हुए हैं। एक माला जो कांग्रेस के अन्र्तकर्लह के कारण बिखरा गई है अब माला टुटी हूई है मोती बिखरे हुए हैं वहीं युवराज नाकाम प्रयास कर रहे हैं पर वह जुड़ती नहीं है।

परिवर्तन के साथ बदलाव राष्ट्र के लिए अच्छा संकेत होता है राजनीति में आपसी मतभेद को भूलकर  नई शुरुआत करने से विपक्षी पहिये भी लोकतंत्र को मजबूत करने अहम भूमिका निभा सकती है पर वह तो वोट बैंक की लालच में गलत फैसले लेती है।  इस धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री जी ने कहा वर्तमान समय में देश का हर एक नागरिक विकासशील भारत की बढ़ती साख देख रहा है।

 भारत का यह अमृत काल स्वर्णिम वर्ष में गिना जायेगा मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति बनेंगी। इस के लिए आज से ही हम आगे बढ़ रहे हैं देशवासियों के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा, हमारे कार्यकाल सफलता 80 करोड़ लोगों को इस समय मुफ्त अनाज जो शुरुआत कारोना काल से चालू हुई योजना अभी भी जारी है वहीं किसानों को उनके हक़ का पैसा उन्हें ही मिलता है बिचोलिए दूर हो गये। 

आप सोचो कि कल तक इस लोकतंत्र के मंदिर में घोटलों की गुंज होती थी आज भारत के बढ़ते कदमों का गुणगान होता है वहीं पहले देश की सुरक्षा में लगे जवान दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए आदेश का इंतजार करते थे पर अब सेना का पराक्रम देश देख रहा है और वह बहादुरी की मिशाल कायम कर रहे हैं। वहीं 2024 में राममंदिर निर्माण हो गया भगवान भव्य मंदिर में विराजमान हो गये, आस्था का ज्वार अपनी भक्ति में लीन हो  गई। 

राम मंदिर भारत की सकारात्मक ऊर्जा का मुख्य केन्द्र है राम राज्य की परिकल्पना की शुरुआत इससे ही होगी वहीं जम्मू कश्मीर को राजनेताओं की दया ने खोखला कर दिया था पर आत्मनिर्भरता के संकल्प ने गलतियों से सबक लेते हुए व्यवस्था को सुदृढ़ ढंग से सुधार दिखा। छोटे छोटे प्रयासों से कश्मीर में अमन चैन कायम हो गया । ईट पत्थरों से बार करने वालों  में इन्हीं से भारत के विकास की नींव को मजबूत बना दुंगा।ऐसी सोच जब देश के प्रधानमंत्री की हो तो उस दुरगामी दुरदष्टी वाले राष्ट्रीय नेता के विजन में देख क्यों नहीं  भारत आगे आयेगा  ।

प्रेषक लेखक - हरिहर सिंह चौहान जबरी बाग

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