नर्मदा की प्रार्थना

उर  त्याग विराग महागति ले,  रख  भक्ति सजें तमसा मन में।

वह देवि युवा मन दें,बल धैर्य ,  प्रयोग   करें  धन   अर्जन  में।।

सब सार्वजनीन  हुए निज क्षेत्र,  दुखी युवराज विलाप करें।

जिनको कहते हम जीवन रेख,    पवित्र नदी नव मंत्र  वरें।

प्रियस्कंदपुराण महान विभाग, कहें जल शक्ति सुहान भरें।

यह संकट ग्लोबल देश युवा, गृह त्याग  चलें  तप  आँगन में।टेक 1

अब अर्थ प्रबंध  वरें नव सीख, डिजीटल तंत्र कला रचते।

परिवेश निसर्ग करें शुभ मेल , असीस मुला युव  में सजते।

कलिकाल सुधा बन के बहतीं, सब भक्त उ-न्हें भाँवर करते।

रख  एकल भाव करें  शुभ वंदन, मातृ कृपा  युव अर्पन में।टेक 2

मुला, तमसा = नर्मदा। 

मीरा भारती।