जय रघुनंदन जय सियाराम, हनुमान प्रिय राजा राम ।
सूर्यवंशी परम प्रतापी राम, चारों भाई में अग्रज राम,
श्रेष्ठ धनुर्धर बलशाली राम, हनुमान प्रिय राजा राम ।१।
राजीव लोचन शाश्वत राम, जानकी वल्लभ, जनार्दन राम,
कोटि - कोटि दुष्ट संघारे राम, हनुमान प्रिय राजा राम । २ ।
मेघ नीलवर्ण सुकोमल राम, केशर,चंदन तिलक लगाए राम,
रघुकुल वचन निभाए राम, हनुमान प्रिय राजा राम । ३ ।
शिव धनुष खंडन किए राम, सीता विवाह रचाये राम,
परशुराम संग घोर युद्ध किए राम, हनुमान प्रिय राजा राम। । ४ ।
एक पत्नी व्रत धारी राम, मर्यादा पुरुषोत्तम प्यारे राम,
जनक सीता के भरतार राम, हनुमान प्रिय राजा राम । ५ ।
चौदह साल वनवास स्वीकारे राम, वचन निभाय पितृ भक्त राम,
कैकेई सुत दशरथ नंदन राम, हनुमान प्रिय राजा राम । ६ ।
ताड़का राक्षसी मारे राम, केवट, गरूड़ उधारे राम,
शबरी ,अहिल्या तारे राम, हनुमान प्रिय राजा राम । ७ ।
चित्रकूट धाम आए राम, भरत अवधपुरी के प्राण राम,
देन जटाऊ सिंहासन छोड़ें राम, हनुमान प्रिय राजा राम । ८ ।
इच्छवाकुवशंज आदरणीय राम, लक्ष्मण के प्रिय भ्राता राम,
मारीच को बाण मारे राम, हनुमान प्रिय राजा राम । ९ ।
सुग्रीव जामवंत के आराध्य राम, विभीषण को भी स्वीकारे राम,
शरणागत के रक्षक राम, हनुमान प्रिय राजा राम । १० ।
रामेश्वर लिंग स्थापित किए राम, वानर सेवा के महानायक राम,
जानकी हेतु राम सेतु बनाये राम, हनुमान प्रिय राजा राम ।११ ।
कुंभकर्ण, मेघनाथ को मारे राम, लंका पति रावण को भी तारे राम,
सीता माता जपती जिनका नाम, हनुमान प्रिय राजा राम ।१२ ।
राम से बड़ा राम का नाम, कण - कण में बसा है राम,
डाल - डाल और पात - पात में राम, हनुमान प्रिय राजा राम ।१३ ।
सर्व देव द्वारा पूजित राम, सौम्य, सुहृदय,सर्व हितकारी राम,
महायोगी, आदि पुरुष राम, हनुमान प्रिय राजा राम ।१४ ।
वाल्मीकि की रामायण में राम, तुलसी के हृदय आनंद में राम,
मानस के हर शब्द में राम, हनुमान प्रिय राजा राम । १५ ।
मनवांछित वर देते राम , नैया पार लगाते राम,
त्रिलोक रक्षक करूणानिधि राम, हनुमान प्रिय राजा राम ।१६ ।
काल दहन विष हर लेते राम, संचित कर्मों को काटे राम,
आत्म ज्योति जीवन की जगाते राम, हनुमान प्रिय राजा राम । १७ ।
अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते राम, कष्टों से मुक्ति देते राम,
कलयुग में सब जन जपते राम, हनुमान प्रिय राजा राम । १८।
माता सीता संग दर्शन देते राम, सब अपराध क्षमा कर देते राम,
भव सागर से पार लगाए राम, हनुमान प्रिय राजा राम । १९ ।
जय रघुनंदन जय सियाराम , हनुमान प्रिय राजा राम ।
- मोनिका डागा "आनंद" , चेन्नई
dagamonika@gmail.com