भारत के सतरंगी उजालों का आसमान है अयोध्या

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जिस प्रकार  अपने पहले पड़ाव की भव्यता से पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है यह बहुत ही हर्षोल्लास व उत्साह का माहौल विश्व में बना हुआ है  भारत के लिए अपनी आस्था की सकारात्मक ऊर्जा अयोध्या बन गई है। ऐसे में हिन्दु धर्म सनातन संस्कृति व भारत की विभिन्नता में एकता को एक माला में पिरोकर राम नाम सुखदाई व मंगल भवन अमंगल हारी के मंगल गान से अयोध्या में स्वर्ण सिंहासन पर रामलला विराजमान होने जा रहे हैं । 

प्रभु की सबसे प्यारी नगरी राम की अयोध्या आधुनिक युग की अनमोल धरोहर बन सदियों तक अपनी दिव्यता के लिए पहचानी जायेगी। अयोध्या के जीर्णोद्धार के शिल्पी राजा विक्रमादित्य रहे उनके बाद एक प्रचीनतम नगरी को आस्था का प्रमुख केन्द्र बनने में भारत सरकार व राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की भूमिका सबसे ज्यादा प्रभावी है। 

वर्तमान पीढ़ी के इन नव निहालों युवा पीढ़ी को धर्म समाज राष्ट्र से जोड़ने हेतु यह उत्सव जब प्रभु राम मंदिर में विराजमान होंगे तो राष्ट्र के लिए बहुत सुखद अनुभव होगा। हमारा देश सदियों से ज्ञानी ध्यानी महापुरुषों की कर्म भूमि रही त्याग तपस्या के इसी प्रताप से धर्म हमारे यहां श्रेष्ठ है क्योंकि मर्यादा में रहकर सभी को मानव सेवा व इस जीवन के मायने उन्होंने हमें बताएं, शिक्षा की जागरूकता गुरुओं कि सेवा बड़ो का मान सम्मान व रघुकुल रीति के वचनों के लिए पूरे 14 साल वनवास काटना कोई छोटी बात नहीं है अयोध्या के राजा राम अपने बालक स्वरूप में जगत कल्याण करेंगे। 

इस नये भव्य अद्भुत आलोकित महल में रामलला जीवन में हर एक कठिनाईयों को दूर करें। संघर्षों की लम्बाई दास्तान कानूनी लड़ाई के बाद राम जन्म भूमि न्याय ट्रस्ट ने जो मंदिर बनवाया है वह राम भक्तों के लिए सबसे पुण्य का काम है। दहशत भय के हजारो सालो की गुलामी व आक्रांताओं के ज़ुल्मो के आगे भारत की आस्था की जीत का यह सतरंगी छटा बिखेरी हुई है जिससे मानव की  शक्ति का व भक्ति दोनों संगम हमारी आस्था फिर जीवित  हमेशा रहेंगी। 

अयोध्या के जीर्णोद्धार के इस पड़ाव में आस्था विश्वास त्याग की परिकल्पना अब साकार हो रही है। कारसेवकों ने लाठी गोली खाई आंदोलनों में सक्रिय रहते हुऐ धर्म की इस लड़ाई में उनका भी योगदान बहुत  ज्यादा रहा तभी तो इस भव्य मंदिर निर्माण में हर एक भारतीय के स्वाभिमान सनातन संस्कृति व आस्था व विश्वास कि यह जीत हैं।

प्रेषक लेखक हरिहर सिंह चौहान 

जबरी बाग नसिया इन्दौर मध्यप्रदेश 452001

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