कारोबार फायदे का

अच्छी कमाई के लिए क्या किया जाए विषय पर मित्रों के साथ चर्चा करने के बाद एक फैसले पर पहुंचा हूं। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, मंदिर, शराब खाना सारे कामों पर गहन सोच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि लागत या पूंजी लगाए बिना सिर्फ लाभ ही लाभ देने वाला बेहतरीन आइडिया है स्वामी जी या बाबा जी बनना। हर्रा लगे न फिटकरी रंग चोखा।  साधु, संत, स्वामी जी बनने का पूर्वाभ्यास कर रहा हूं।

आप कहेंगे राजनीति में तो बहुत पैसा है, लेकिन मेरा अनुभव है कि सारा मामला भारी खर्चे वाला है। इधर जनता के बीच अपनी छवि बनाए रखनी होगी, उधर हाईकमान की नजर में आने के लिए बड़े-बड़े कष्ट उठाने होंगे। फिर चुनाव में टिकट मिलेगा या नहीं इसकी चिंता।

 टिकट मिल गई तो जीत के प्रति अनिश्चितता। अगर हार गए तो फिर सड़क पर। इसलिए इस नकली आध्यात्मिक मार्ग का चयन किया हूं। आप पूछेंगे कि अगर पकड़े गए तो पिटाई होगी और नाम डूब जाएगा है न। जनता पर भारी पड़ने वाले नकली स्वामी, डुप्लीकेट बाबाओं में मूर्खता से काम कर पकड़ में आने वाले और मार खाने वाले स्वामियों की संख्या इनी-गिनी है। 

पैसे कमाने के लिए इतना खतरा तो उठाना ही पड़ेगा। वैसे भी इन स्वामियों के क्षेत्र में कई श्रेणियां हैं। पूजा करके गरीबी दूर करने वाले, लोहे को सोना बनाने वाले, महिलाओं पर नजर रखने वाले, बेरोजगारों को झांसा देने वाले, उम्मीदों भरा भविष्य बताने वाले हैं।  इस तरह पैसे लूटते हैं, अपनी तिजोरी भरते हैं। अगर पकड़ में आ भी गए तो न पिटें,  ऐसी श्रेणी को चुनने में ही हमारी बुद्धिमत्ता है।

जनता को भोला समझना और अपना काम निकाल लेना इस धंधे का पहला उसूल है। इस बीच सूर्य भगवान को थोड़ी देरी से आने का आदेश दिया हूं कहने वाले बहुत बड़े स्वामी जी बीमार पड़कर कुछ दिन हिलडुल नहीं सके।  फिर भी कह रहा था कि मैं समाधि में जा रहा हूं और जनता ने मान लिया। 

अपने आवासीय जजीरे (द्वीप) को आजाद देश की मान्यता देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ को आवेदन कर लोगों को आश्चर्य में डाल गया। एक और अनपढ़ बाबा बिना पढ़े परीक्षा में पास होने की  ताबीज बांटता फिर रहा था। इतना पैसा कि क्या कहें। एक ओर पोल खुल रही है तो दूसरी ओर इनके पास जनता की लंबी लाइनों में भी कोई कमी नहीं आई। इन सब का मतलब यही है न कि इस धंधे में सिवाय बरकत के कोई नुकसान नहीं।

आपको लग सकता है कि जब पकड़ में आ जाए तो क्या होगा। मेरा कहना यह है मैंने कई प्रकरणों का अध्ययन किया है। कुछ स्वामी अदालत जेल आते जाते रहते हैं फिर भी अपना धंधा बचाए हुए हैं दूसरी तरफ धंधे पर पूरा ध्यान रखकर अपनी दिनचर्या निपटा रहे हैं कि नहीं। देश में परमवीर भक्तों की कमी नहीं है यह पिछले कुछ दिनों से हम देख रहे हैं। 

वे भक्त स्वामियों में अपने मनपसंद लक्षण ढूंढ कर संतुष्ट रहते हैं। इन सारी बातों के बाद ही मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि एक दिन मैं बहुत बड़ा स्वामी बन जाऊंगा। राजनेता, अधिकारी मेरे चारों तरफ चक्कर लगाते फिरेंगे। तब आपको भी मुझसे मिलना है तो अपॉइंटमेंट लेना होगा। फिर आप कहोगे तुम जैसे लोगों का ही राज है इस कलयुग में।

डॉ0 टी0 महादेव राव

विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश)

9394290204