आज कल के अपने

तेरे सपनों को मिटाने के लिए,

    तेरे अपने बैठे हैं.....!

  तुझे नीचे गिराने के लिए 

    तेरे अपने बैठे हैं.....!


तेरे सामने तुझे अच्छा भला कहेंगे

   लेकिन तेरे पीठ पीछे !

तेरे ही बुराई करने के लिए

    तेरे अपने बैठे हैं.....!


   तुझे नीचा दिखाने के लिए

     तेरे अपने बैठे हैं.......!

तेरी खुशियों में आग लगाने के लिए

      तेरे अपने बैठे हैं.....!


जब तु आगे बढ़ेगा,

तेरे अपने ही तुझे जलते हैं !

हर पल तुझे सताने के लिए,

    तेरे अपने बैठे हैं.....!


ना खुद करेंगे भला और,

  ना ही तुझे करने देंगे! 

ऐसे अपनो का क्या फायदा जो,

हमेशा तुझे नीचा गिराने में बैठे हैं! 


   जब तक जरूरत रहेगा तेरा,

 तब तक तुझे hii Hello कहेंगे!

     जरूरत खत्म फिर तुझे ,

       मुड़ के भी नहीं देखेंगे !

    

        कृष्णा चौहान

     अमेरी, तह.-बरमकेला

जिला-सारंगढ़-बिलाईगढ़(छ.ग.)

    मो.न.-6260891787