हर समय चिड़चिड़े रहते हैं बच्चे तो हो सकते हैं ये कारण

कई बार बच्चे स्वभाव से इतने जिद्दी हो जाते हैं कि उन्हें कंट्रोल में करना मुश्किल हो जाता है। मुख्यतौर पर 8-12 साल के बच्चे उनका मूड कब खराब और कब ठीक हो जाए कुछ पता नहीं चलता। इसलिए पेरेंट्स को अक्सर ऐसे बच्चों के बिहेवियर पर नजर रखनी पड़ती है। 

इस उम्र के कुछ बच्चे बहुत चिड़चिड़े भी हो जाते हैं और बेवजह से ही घर के अन्य सदस्यों पर गुस्सा निकालने लगते हैं लेकिन बच्चे ऐसे स्वभाव के होते क्यों है और इसका क्या कारण है आज आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे। आइए जानते हैं...

भूख लगने के कारण 

एक्सपर्ट्स की मानें तो 8 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे यह बता सकते हैं कि उन्हें भूख लगी है या नहीं लेकिन कई बार भरपेट खाना न खाने के कारण उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। ऐसी परिस्थिति में पेरेंट्स को यह समझना होगा कि बच्चे आखिर किस बात पर नाराज हो रहा है या फिर अपना गुस्सा दिखा रहा है। यदि उसे सच में भूख लगी है और पेट भर खाना न खाने के कारण वह चिड़चिड़ेपन का शिकार है तो उसे खाने के लिए खाना दें। इससे उसके स्वभाव में पॉजिटिविटी दिखने लगेगी। 

नींद पूरी न होने के कारण 

यदि बच्चों की नींद पूरी न हो तो वह चिड़चिड़े होने लगते हैं। बच्चों के लिए 9-10 घंटे की नींद जरुरी होती है यदि बच्चे रात में लेट सोते हैं और सबुह जल्दी नहीं उठ पाते हैं तो वह चिड़चिड़े हो सकते हैं। बात-बात पर बच्चे का अपने पेरेंट्स या फिर दोस्तों के साथ झगड़ा हो सकता है।

किसी बात लेकर परेशान होने पर 

बच्चे उस समय भी चिड़चिड़े होते हैं जब उन्हें कोई बात परेशान करती है लेकिन वह बात अपने पेरेंट्स को नहीं बता पाते। स्कूल में बुली होने के कारण या फिर भाई-बहन के साथ झगड़ा होने के कारण यह हो सकता है। यदि आपके बच्चे बीमार नहीं है लेकिन फिर भी चिड़चिड़े हैं तो बेहतर है कि उसकी वजह समझकर ही आप उसका समाधान करें। 

जिद पूरी न होने के कारण 

कुछ बच्चे इसलिए भी चिड़चिड़े होते हैं क्योंकि उनकी बात कोई नहीं सुनता। ऐसे बच्चे स्वभाव के जिद्दी होते हैं बात-बात पर वह कोई न कोई डिमांड रख देते हैं। पेरेंट्स को समझना होगा कि यदि बच्चे जिद की वजह से चिड़चिड़े हैं तो उसकी आदते सुधार लें। 

तबियत खराब होने के कारण 

यदि बच्चे ठीक नहीं है या उन्हें सर्दी-जुकाम है तो भी वह रुखे स्वभाव के हो सकते हैं। ऐसा उनके साथ इसलिए होता है क्योंकि जब वह बीमार होते हैं तो बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं। बेवजर पेरेंट्स से भी झगड़ने लगते हैं ऐसे में बच्चों को चाहिए कि वे अपने बच्चे की सिचुएशन को समझें। उन्हें डांटे नहीं बल्कि उनकी सेहत सुधारें। 

कैसे दूर करें बच्चे का चिड़चिड़ापन?

बच्चे का चिड़चिड़ापन दूर करने के लिए उनके साथ बात करें, उन्हें समझने की कोशिश करें।