बरसों बाद अयोध्या में,
खुशी अनोखी छाई है,
हर्षित है सब राम मिलन की,
घड़ी निराली आई है।
संगीतमयी हुई दशो दिशाएं ,
तुलसी के चौपाई से,
सरयु तट पर दीप जले हैं,
घंटों और घड़ियालों से।
ढोल तमाशे और मंजीरे,
गुंज उठा अम्बर सारा,
झुम रही है आज अयोध्या,
राम नाम के जयकारों से।
बन गई आज अयोध्या दुल्हन,
विश्व सारा मगन हुआ,
नाच रहे हैं सब नर-नारी,
राम राज्य अब आ गया।
नैनों में अब आंसु सुखमय,
तृषित भाव मन भर आया,
500 वर्ष बाद प्रभु लौटे अयोध्या,
धर्म सनातन आ गया।
राम बसे जन जन के हृदय में,
कण कण में बसे राम,
मेरे हृदय भी आन बिराजो,
हे कृपा सिन्धु भगवान ।
स्वरचित : अंजु कन्हैया निधि