साध्वी मण्डल व 250 आराधकों ने अठठम तप तेले का किया पारणा
बाड़मेर में कुशल वाटिका तीर्थ तपस्या स्थल बन रहा है-साध्वी विधुत्प्रभाश्री
मेरा सौभाग्य है कि ऐसा आयोजन कराने का अवसर प्रदान किया-धारीवाल
बाड़मेर । स्थानीय कुशल वाटिका प्रांगण में परमात्मा पार्श्वनाथ भगवान के जन्म व दीक्षा कल्याणक के उपलक्ष में त्रिदिवसीय तेले के भव्य आयोजन के चौथे दिन समापन पर साध्वी डॉ. विधुत्प्रभा श्री के हाथो से व लाभार्थी परिवार पारसमल आसुलाल धारीवाल परिवार रामजीगोल द्वारा 250 आराधकों तेले का पारणा करवाकर कार्यक्रम का समापन हुआ। कुशल वाटिका ट्रस्ट के उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी व कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा ने बताया कि कुशल वाटिका में अठठम तप तेले के भव्य आयोजन के अंतिम दिन समापन के अवसर पर सोमवार को कुशल वाटिका प्रेरिका बहन म.सा. साध्वी डॉ. विधुत्प्रभा श्रीजी म.सा. द्वारा नवकारसी का पच्चखाण देकर तीन उपवास के तपस्वी साध्वी मण्डल व 250 आराधको आहार ग्रहण करवा कर पारणा कराया गया। त्रिदिवसीय महोत्सव के लाभार्थी पारसमल आसुलाल विरधीचन्द धारीवाल परिवार रामजीगोल व कुशल वाटिका ट्रस्ट द्वारा पारणे की सम्पूर्ण व्यवस्था की गई। त्रि दिवसीय महोत्सव के समापन के दौरान डॉ.विधुत्प्रभाश्री ने सम्बोधित करते हुए कहा कि त्रिदिवसीय तपस्या करने वाले तपस्वीयों की अनुमोदना है। बाड़मेर की भूमि अपने आप में वर्तमान समय में तपोस्थली है।
यहां का श्रावक-श्राविका दोनो ही धर्म के प्रति समर्पित है। बाड़मेर में कुशल वाटिका तीर्थ तपस्या स्थल बन रहा है। इस पुरे आयोजन लेने वाले लाभार्थी परिवार के पारसमल धारीवाल ने इस जो पुर्ण्याजन का कार्य किया है वो उनके जीवन को सरल बनाएगी। कार्यक्रम के अन्त में लाभार्थी परिवार के पारसमल धारीवाल ने सभी कुशल वाटिका प्रेरिका बहन म.सा. विधुत्प्रभा श्रीजी, कुशल वाटिका ट्रस्ट मण्डल व तपस्वीयों एवं आराधकों का आभार जाताते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि ऐसा आयोजन कराने का अवसर प्रदान किया इसके लिए मेरा परिवार आप सभी का ऋणी रहेगा।
महोत्सव के समापन के कार्यक्रम में श्री जिन कुशलसूरी सेवाश्रम ट्रस्ट, कुशल वाटिका, केयुप, केएमपी, केबीपी सहित जैन बन्धुओं ने सेवाएं देने संस्थाओं का आभार जताते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। त्रिदिवसीय महोत्सव के समापन के कुशल वाटिका उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी, उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा, कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा, निर्माणमंत्री शंकरलाल धारीवाल, सहमंत्री गौतमचन्द बोथरा, सहनिर्माणमंत्री रमेश सर्राफ, प्रचारमंत्री केवलचन्द छाजेड़, ट्रस्टी पारसमल धारीवाल रामजीगोल, रतनलाल वडेरा, छगनलाल बोथरा, कैलाश धारीवाल, सुरेश बोथरा धोरीमन्ना, चन्द्रप्रकाश बोथरा सहित कई जैन बन्धु उपस्थित रहे।