स्वामी विवेकानंद सनातन धर्म के वैचारिक क्रांतिकारी संत: कालेन्द्रानंद

सहारनपुर। राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में स्वामी विवेकानंद जन्म शताब्दी उपलक्ष में गरीबों को रजाई वितरण अवसर पर स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा स्वामी विवेकानंद सनातन धर्म के वैचारिक क्रांतिकारी संत है।             

श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित स्वामी विवेकानंद जन्म शताब्दी अवसर पर संस्था के सभी पदाधिकारियों ने स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज के सानिध्य में स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा के सामने दीपक प्रज्वलित किया और स्वामी जी के चित्र को माल्यार्पण अर्पण कर विधिवत मंत्र उच्चारण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई और सभी ने विवेकानंद के विचारों को ग्रहण करने का वचन लिया। इस अवसर पर 108 निराश्रित लोगों को रजाई वितरण की गई।                

स्वामी विवेकानंद जन्म शताब्दी सेवार्थ शिविर में स्वामी कलेंद्रानंद जी महाराज ने कहा स्वामी विवेकानंद सनातन धर्म की  धुरी है जिनके विचारों के चारों ओर ही मानव जीवन घूमता है उनके विचार आज युवाओं के लिए आदर्श हैं स्वामी विवेकानंद का मानना था कोई प्रवचन करने से पहले यह देखना आवश्यक है कि उसके उदर में भूख की पीड़ा शांत है या नहीं और उसके शरीर पर वस्त्र है या नहीं, वस्त्र भोजन देने के उपरांत ही प्रवचन करना चाहिए।

 उन्होंने कहा निस्वार्थ सेवा ही जीवन का परम धर्म है जो जीव पर सेवा के लिए अपने जीवन को धर्म की वेदी पर बलिदान कर देते हैं वही स्वामी विवेकानंद की तरह एक इतिहास और एक महान संदेश बन जाते हैं इसलिए प्रत्येक व्यक्ति स्वामी विवेकानंद के विचारों को अंगीकृत कर अपने जीवन को स्वार्थ कार्यों के लिए समर्पित करना चाहिए जिससे जीव का पुण्य निरंतर बढ़ता है और उसकी आत्म बल की शक्ति में विकास होता है जिससे वह परमात्मा का सच्चा सेवक कहलाता है। 

स्वामी विवेकानंद का जीवन निस्वार्थ सेवा के लिए एवं वैचारिक क्रांति के लिए एक महान पथ है जिस पर चलकर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सर्वाेच्च शिखर तक ले जा सकता है स्वामी जी ने कहा भारत में ही नहीं स्वामी विवेकानंद ने 39 वर्ष की अवस्था तक संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म के माध्यम से वैचारिक क्रांति का सूत्रपात किया जिसके आधार पर आज भी उनके विचारों को अपनाकर युवा अपना जीवन धन्य कर रहे हैं प्रत्येक जीव को यह समझ लेना आवश्यक है निशक्तजनों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।

इस अवसर पर मेहरचंद जैन राजेंद्र धीमान ज्ञानेंद्र पुंडीर रमेश शर्मा अजब सिंह चैहान सागर गुप्ता अनिल चौहान नरेश चंदेल संजय राणा अश्विनी कंबोज सागर गुप्ता वर्षा किरण बबली राजबाला विभा संगीता सुदेश सुनीता बबीता कुसुम प्रभा आदि रहे।