हो गणतंत्र दिवस भाया !

जले हैं खुशियों के दीप,

जैसे मोतियों के सींप,

घुमती खुशियां आंगन सारी,

तर हो झूमती फुलवारी,

खिली खिली लगती है न्यारी,

हो गणतंत्र दिवस भाया।


हुई गणतंत्र की दिवानी,

झंडा ऊंचा है फहराया,

हुई तिरंगे की दिवानी,

जनता बनी अभिमानी,

दिल में गौरव है समाया,

सबकी मस्त हुई काया।


नजर न लगे किसी दुश्मन की

देश के सीमा प्रहरी जाग रहे,

निकट आने का साहस नहीं है,

दुश्मन भय से कांप रहे,

देश के वीर जवानों को,

दुश्मन का कोई डर नहीं,

हौंसले बुलंदी को छूते हैं

मौत तो आनी जानी हैं

भारत के हर सैनिक की

एक जैसी ही कहानी है।।


                   -जयश्री वर्मा (शिक्षिका)                 

                    इंदौर, मध्यप्रदेश

                  मो. 6264366070