बेसिक शिक्षा विभाग की ऑपरेशन कायाकल्प एवं पशुपालन की निराश्रित गोवंश संरक्षण एवं आईसीडीएस की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

आजमगढ़ : जिलाधिकारी श्री विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कल देर सायं कलेक्ट्रेट सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग की ऑपरेशन कायाकल्प एवं पशुपालन की निराश्रित गोवंश संरक्षण एवं आईसीडीएस की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने परिषदीय विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को शत प्रतिशत रनिंग वाटर से सेचुरेटेड करने के निर्देश दिए। 

उन्होंने कहा कि माह फरवरी तक प्रत्येक दशा में सभी विद्यालयों में मानक के अनुसार टायलीकरण, बाउंड्रीवॉल, शौचालय (ब्वायज एवं गर्ल्स) एवं रनिंग वाटर आदि से शत प्रतिशत संतृप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी खंड विकास अधिकारी कार्य योजना बना लें तथा यदि कोई समस्या हो तो खंड शिक्षा अधिकारी से मिलकर निस्तारित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बीएसए को भी अपने स्तर से फीडबैक लेकर क्रॉस चेकिंग करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने आंगनवाड़ी केन्द्रों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी केन्द्रों पर फर्नीचर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि समस्त खंड विकास अधिकारी पंचायत सचिवों से समन्वय बनाकर तत्काल बर्तन की खरीद तीन दिन के अंदर सुनिश्चित करते हुए बच्चों के खाने की व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सभी सीडीपीओ, खंड विकास अधिकारी से संपर्क कर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।

पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि लक्ष्य के अनुसार निराश्रित गोवंश का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि किसी भी दशा में बाजारों, कस्बों व मुख्य सड़कों पर निराश्रित गोवंश नहीं दिखना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन गौआश्रय स्थलों को पूर्ण कर गोवंश को संरक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि गौआश्रय स्थलों पर लगने वाले सीसीटीवी कैमरे, सोलर पंप आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने कहा कि कैटिल कैचर को संचालित करने के लिए आवश्यकतानुसार ड्राइवर एवं अन्य कर्मचारियों को भी आउटसोर्स पर रखा जाए। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से समन्वय बनाकर गोवंश के लिए बोरे लेकर काउकोट बनाकर ठंड से बचाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

 उन्होंने कहा कि सभी गौआश्रय स्थलों पर पानी, चारा, भूसा एवं ठंड से बचने के लिए अलाव आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा की तीव्र गति से तिरपाल आदि लगाकर पशुओं को ठंड से बचाया जाए। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को गौआश्रय स्थलों पर शाम को पशुओं की देखभाल के लिए केयरटेकर भी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रजिस्टर में दर्ज पशुओं की संख्या एवं मौके पर उपस्थित पशुओं की संख्या में किसी प्रकार का अंतर नहीं होना चाहिए।

 बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री परीक्षित खटाना, जिला विकास अधिकारी श्री संजय कुमार सिंह, परियोजना निदेशक श्री अखिलेश तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री समीर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।