एएमयू ने 75वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने स्ट्रेची हॉल के समक्ष 75वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के समय अंतरराष्ट्रीय सहायता की दया पर निर्भर रहने से लेकर अपने पूर्व उपनिवेशवादी को पछाड़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और निकट भविष्य में एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य तकय खाद्यान्न के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहने से लेकर विश्व के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक होने तक, चंद्रमा के अनछुए हिस्से पर उतरने तक, और नए युग के कौशल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकियों को प्राथमिकता देने के लिए सुशोभित होने तक, भारत ने पिछले 75 वर्षों में अभूतपूर्व विकास का रास्ता तय किया है, और इसकी विकास की कहानी न केवल विश्व स्तर पर स्वीकार की गई है, बल्कि विश्व शक्ति के रूप में इसकी स्थिति के बारे में आम धारणा में भी बड़ा बदलाव आया है। 

प्रोफेसर गुलरेज ने कहा कि जो चीज एक ‘लोकतांत्रिक संविधान’ को अन्य प्रकार के संविधान से अलग करती है, वह ‘कानून का शासन’ स्थापित करने और व्यक्तिगत गरिमा की रक्षा करने और सामाजिक एकजुटता स्थापित करने की प्रतिज्ञा है। उन्होंने कहा कि यदि समाज में भीड़ का न्याय आदर्श है तो ‘कानून के समक्ष समानता’ की धारणा निरर्थक है, यदि समाज में अमीर और गरीब के बीच कि खाई बढ़ रही है तो कल्याणकारी राज्य के विचार का कोई अर्थ नहीं है और इसी प्रकार सहनशीलता और समायोजन के अभाव में भाईचारा का कोई महत्व नहीं है।

उन्होंने कहा कि एक संस्था के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय खुद को देश के संवैधानिक सिद्धांतों और इसके लोकतांत्रिक आदर्शों के साथ मानता है और इसने भारत के लोगों के शैक्षिक उत्थान और सामाजिक सशक्तिकरण में अपना भरपूर योगदान दिया है। इसके छात्र सर सैयद के दृष्टिकोण के ध्वजवाहक और भारत की विकास गाथा के ब्रांड एंबेसडर हैं।

उन्होंने छात्रों से भारतीय संविधान की पवित्रता को अक्षरश संरक्षित करने का संकल्प लेने और हर तरह से भारत की स्वतंत्रता, एकता और एकजुटता की सुरक्षा के लिए काम करने का आग्रह किया।

 बाद में कुलपति ने एथलेटिक्स क्लब, यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी द्वारा आयोजित मिनी मैराथन के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। छात्र-छात्राओं के मुकाबलों में ‘हाफ मैराथन रेस फॉर यूनिटी’ जीतने वाले अहमदी स्कूल फॉर विजुअली चैलेंज्ड के छात्रों को भी पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर, प्रोफेसर गुलरेज ने अपनी पत्नी, प्रोफेसर नईमा खातून के साथ एसएस हाल परिसर में  पौधे लगाए और विश्वविद्यालय स्वास्थ्य सेवा (यूएचएस) में भर्ती छात्रों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने भर्ती छात्रों को फल भी वितरित किये। विश्वविद्यालय की छात्रा सुमराना मुजफ्फर (बीएससी) और छात्र शाहान उस्मानी (एमबीबीएस) ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।

ध्वजारोहण समारोह का संचालन रजिस्ट्रार, श्री मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने किया। उन्होंने उपस्थितजनों को सत्यनिष्ठा की शपथ भी दिलाई। विश्वविद्यालय के सभी कार्यालयों, संकायों, कॉलेजों, विभागों और स्कूलों में गणतंत्र दिवस का जश्न हर्षोल्लास से मनाया गया। प्रशासनिक ब्लॉक भवन, कुलपति आवास, मौलाना आजाद पुस्तकालय, कला संकाय, विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों और कॉलेजों, सभी डीन और डीएसडब्ल्यू के कार्यालयों, सभी प्रोवोस्ट कार्यालयों और प्रॉक्टर कार्यालय पर भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। 

इससे पूर्व दिन में, एसटीएस स्कूल द्वारा लड़कों के लिए और अब्दुल्ला हॉल द्वारा लड़कियों के लिए प्रभात फेरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उर्दू विभाग ने 25 और 26 जनवरी की मध्यरात्रि को एक मुशायरा (काव्य संध्या) का आयोजन किया, जिसमें कुलपति प्रोफेसर गुलरेज ने मुशायरे की अध्यक्षता की।