करनैलगंज/ गोण्डा। स्वतंत्र भारत में इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या होगी कि लगभग साढ़े तीन सौ की आबादी वाला गांव आज भी एक सड़क के लिए तरस रहा है। सुनने में यह भले ही अजीब सा लगे कि आज भी ऐसे गांव मौजूद हैं जहां आने जाने के लिए कोई सड़क ही नहीं है लेकिन यह सत्य है। ऐसे ही एक गांव का नाम है दर्जीपुरवा जो करनैलगंज विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम चंगेरिया का एक मजरा है।
इस गांव में 3 घर ब्राह्मण, 10 घर लोनिया, 10 घर कोरी (दलित), 4 घर नाई, 8 घर मुस्लिम, 3 घर पासी (दलित) के हैं और कुल मिलाकर लगभग साढ़े तीन सौ की आबादी है लेकिन गांव में आवागमन के लिए अब तक कोई सड़क नहीं बनवाई गयी है। सड़क से लगभग तीन सौ मीटर दूर स्थित गांव को जाने के लिए ग्रामवासियों को खेत की मेंढ़ों की पगडंडियों से होकर आना जाना पड़ता है।
बारिश के समय इन पगडंडियों पर से होकर जाना और भी दुष्कर हो जाता है। ऐसा भी नहीं है कि ग्रामवासियों ने अपनी समस्याओं को जन प्रतिनिधियों के सामने नहीं रखा। गांव के हरिवंश तिवारी बताते हैं कि वर्तमान और पूर्व ग्राम प्रधानों के साथ ही वर्तमान और पूर्व विधायकों से भी सड़क बनवाने का आग्रह किया गया लेकिन सभी जगह उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की आवाज ही साबित हुई और अब तक सड़क न बन सकी है। श्री तिवारी ने शीघ्र ही सड़क बनवाकर ग्रामीणों को राहत दिलाये जाने की मांग की है।