नया साल उसका उबाल

मैं वही, दर्पण वही, तुमको न जाने क्या हो गया....!

तू चल.....मैं आ रहा हूं  नये वर्ष ने दी आवाज !                       

तारीखों के बदलने के साथ फिर नया वर्ष आने वाला हैं। समय चक्र के साथ दिन, महीने और साल गुजरते जाते हैं तथा जीवन का कारवां चलता रहता है। वक्त ही तो है जो पुराने को ले जाता है और नए को लाता है। पुरानी खराब यादें भूलना है। हर बार नया संकल्प नयी क्रांति इस नये पायदान से शुरू होती हैं। अब कोई कोरोना, लॉकडाऊन की स्थिति से डरने की जरूरत नहीं। 

नये क्षेत्रों में आगे बढ़ना है, नई क्रांति जगाना है, पर्यावरण व प्रदूषण का उपचार करना हैं और वायुमंडल से प्रदूषण कम करने हेतु सोलर एनर्जी और इलैक्ट्रिक वाहन क्रांति के नये क्षेत्र में कदम  आगे बढ़ाना है इसलिए पुराना समय भूलकर नये साल का स्वागत करने को नया साल पुकार रहा है। तू चल और मैं नया वर्ष आ रहा हूं।

मैं वही, दर्पण वही, तुमको न जाने क्या हो गया....! मैं नया साल आया हूं, कल्पनाओं के सागर में सब कुछ लागे नया-नया। नये लक्ष्य, नये सपने, नयी उम्मीदें, और नयी सरकार सब सामने हैं।

जन-जन में आशा-अपेक्षाओं का उबाल आया है। ये सब कितनी पूरी होती है यह साल गुजरने-गुजारने पर पता चलेगा। वैसे इसी तरह हर नया साल गुजरते जाता हैं हम सब गिनती करते जाते हैं। नया दौर हैं जब भी आता है, कुछ ना कुछ बदलाव लाता है।

यही इस नये साल भी होना है। इस बार नयी सरकार अवश्य कई नये कार्यों की शुरुआत करेगी जिससे उन्नति की नई पायदान राज्य व देश को हासिल होगी। नये साल में सब कुछ अच्छा हो देश उन्नति व विकास में आगे बढ़ें, युवा वर्ग को रोजगार मिलें, मातृशक्ति को सुरक्षा मिलें, बुजुर्गों की व्यवस्थित देखभाल हो। हमें  अनुशासित व्यवहार करना हैं, संयमित रहकर ताकि कहीं का भी माहौल हंसी-खुशी और उल्लास का बना रहे, सभी को आनंद मनाने का समान अवसर मिले। नया वर्ष  भरपूर खुशियों के साथ मनायें। नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मदन वर्मा " माणिक "

इंदौर, मध्यप्रदेश

मो. 6264366070