अपने प्यार कों कभी शक के नजरों से मत देखना, नहीं तों तुम भी मर जाओंगें। आज की यह काल्पनिक कहानी सच्ची घटना पर आधारित हैं। एक प्यारी सी लड़की जों काफी होनहार, सुदंर थी जों अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जाँब हासिल करना चाहती थी और की भी उसने। मगर जिंदगी सिर्फ पढ़कर जाँब हासिल करने तक तों नहीं होती हैं ना??
आइए अब जानते हैं इस लड़की की कहानी। यह कहानी एक लड़की की हैं जों गाँव से बाहर शहर में कक्षा 12 वी की पढ़ाई के लिए आई होती हैं। शहर में वो मन लगाकर पढ़ती और जाँब करने की तैयारी भी करती। लड़की का सपना था बिहार पुलिस में जाने का इसलिए वों हर रोज स्टेडियम में दौड़ने जाती वों भी अकेले।
स्टेडियम में तों बहुत सें लड़के, लड़कियाँ दौड़ने आया करते थें। एक दिन लड़की सुबह 4 बजे दौड़नें के लिए आई और दौड़नें का अभ्यास कर रही हैं तों कुछ लड़के उसें परेशान करने आ गए। हर कहानी में एक हीरों जरुर होता है इस कहानी में भी एक हीरों था, जों हीरोइन कों देखकर बचानें आ गया। लड़के के बीच में आनें सें बदमाश लड़के मारने पीटनें पर आ गए जों हीरों बनाकर आया वों जीरों हों गया और स्टेडियम के अन्य लड़के, लड़कियों नें मिलकर उस झगडे़ कों शान्त किया।
बेचारा हीरों बहुत चोट लग गई थी, मगर लड़की अपनी पढ़ाई और जाँब कों लेकर बहुत ही गंभीर थी। इसलिए वों उस लड़कें कों वैसे ही हालात में छोड़कर रूम पर चले चली। लड़कें तों लड़कें होते हैं वों इतना भी मार खा लें आँख सें आँखू नहीं निकालते हैं चोट ज्यादा होनें के कारण वों चल भी नहीं पा रहा था तब उसके दोस्तों नें उस उसके घर पर छोड़ दिया। घर जाने के बाद बुखार हों गया और कमजोरियाँ ज्यादा हों गई।
फिर लड़का पूरे तरह सें 5 दिनों तक घर में ही रहा। लड़की अगलें दिन आई मगर फिर उस बदमाश लड़कों नें परेशान किया तों उसनें हाथ उठाया। इन सबके कारण बदमाश लड़कें लड़की कों धमकी देनें लगे - बेटा तू तों गई कोई नहीं बचा सकता तुम कों। अब वो लड़की डर गई क्योकि वों इस बात को घर में या किसी और कों नहीं बता सकती थी।
वों 4 दिनों तक कोचिंग, काँलेज और स्टेडियम आना जाना छोड़ चूँकि थी। जब इस कहानी की हीरो की तबीयत ठीक हुई, तों वों स्टेडियम आया उसें वों लड़की नहीं देखी मगर वों बदमाश लड़कें देखे और बोलनें लगें ओ हीरों तेरी हीरोइन कहाँ गई। छुपकर कब तक बैठेगी बर्बाद कर दुँ। इस बात कों सुनकर लड़का कों भी डर लगा। अब वों भी सोचता रहा कि आखिर लड़की कों कैसे बताए, ना घर का पता, ना नबंर हैं कैसे बताऊँ की यें बदमाश लड़के पीछें पडे़ हुए हैं।
यही सोचते सोचते वों जा रहा है कि अचानक वों लड़की और बदमाश लड़के दोनों दिखाई दिए।
लड़का दौड़कर गया और लड़की कों पकड़कर छुपा दिया अपने पीछे तभी बदमाश लड़के हीरों कों देखे और बोले - तेरी हीरोइन गई बेटा और हँसने लगें। जब वों बदमाश लड़के चलें गए तब लड़के नें लड़की कों निकाला और खुद ही बोलने लगा - मुझे माफ कर दों, मैनें तुम छुआ, मैं तुम्हें बस बचाना चाहता यह सब बोलने लगा वों भी नजरें झुका कर। लड़की कों लड़का बहुत पसंद आया।
बस यही सें उन दोनों की प्रेम कहानी शुरु हुई, हीरों कों खुद पता नहीं मगर हीरों दिल सें बचाना चाहते हैं हीरोइन कों इसलिए वों बोलता है मुझे पर विश्वास कर सकती हों। अगर हाँ तों चलों, लड़की कों तों मन ही प्यार हों चुँका था। प्यार में विश्वास जरुरी होता है। इसलिए हीरोइन भी चली गई। उसके बाद क्या हुआ जाननें के लिए भाग-2 अगले दिन पढ़े।
मुस्कान केशरी
मुजफ्फरपुर बिहार