क्या पैसा ही भगवान है?

क्या पैसा ही भगवान है? कुछ लोग रिश्तो को पैसे से ऊपर रखते हैं! खुद तो कुछ कमा नहीं पाते पर दूसरे के पैसे पर बहुत गंदी नजर रहती है,! कुछ औरतें भी अपने पतियों को सिर्फ गलत शिक्षा देती है! पति पर जोर दबाव डालती है कि अपने भाई से पैसा मांगो , पैसे के लिए रोती रहती हैं। 

कुछ औरतें तो शादी पैसे के लिए करती हैं। पति पैसे वाले घर का होना चाहिए भले ही किसी लायक ना हो पर शादी कर लेती हैं और जीवन भर पैसे के लिए ही लड़ती रहती हैं झगड़ती रहती हैं हर किसी पर चिल्लाती रहती हैं। औरतों को चाहिए अपने पति से पैसे के लिए ना लड़े। पैसा कमाना केवल पति की जिम्मेदारी नहीं है पत्नी को भी घर चलाने में पति का साथ देना चाहिए,उसे भी मेहनत करनी चाहिए

जो भाई से पैसे की मांग करता है वह यह नहीं सोचता कि मैं अपने बच्चों को क्या संस्कार दे रहा हूं। पैसे मांग रहा हूं। मेरे बच्चे क्या सीखेंगे। मेरे बच्चे भी सिर्फ पैसे हड़पना हीं सीख पाएंगे।

वह पति भी महा बेवकूफ है जो अपनी बीवी के कहने से अपने भाइयों से लड़ता है। बीवी तो बहुत चालाक है वह अपने ससुर का पैसा ले जाकर अपने भाई - भाभी को देती है और अपने भाई भाभी  व मां-बाप से अपना रिश्ता रखती है और पति का रिश्ता उसके मां-बाप और भाई-बहन से खत्म करवा देती है। वह पति तो बिना दिमाग वाला है जो अपने सास ससुर की तो सेवा करता है पर अपने मां-बाप की सेवा नहीं कर रहा है। इतने पाप करने के बाद फिर चाहे भगवान की पूजा या प्रार्थना करो, चाहे कितने भी व्रत रखो।  केवल मात्र पाप ही लगेगा ,कुछ अच्छा नहीं होने वाला। 

कुछ पत्नियों को तो पति के मां-बाप का और भाइयों का पैसा तो चाहिए पर उनकी सेवा नहीं करनी है। अपने पति को उसके  मां-बाप व भाई बहन से ही बात नहीं करने देती हैं और तो और माता पिता व भाइयो से भी रिश्ता दूर करवा देती हैं। जब कुछ पत्नियों को सास ससुर से इतनी नफरत है तो उनके पैसे से प्यार कैसे हो गया। अरे थोड़ी सी भी शर्म है तो अपने सास ससुर का मकान छोड़ दो,अपने सास ससुर के पैसों को छोड़ दो।

अपने पति को ले जाकर अपने भाई भाभी के पैसों पर पालो। पर ऐसा करेंगे नहीं क्योंकि शादी ही पैसों के लिए की है। ससुर का मकान तो चाहिए ससुर का पैसा भी चाहिए ताकि अपने मां-बाप और भाई को पैसा दे सके। ऐसी पत्नियों का साथ देने वाले भी बराबर के पापी होते हैं। अभी तक केवल आदमी ही पैसे के लिए बदनाम था और कहता था --

बीवी और ना बच्चा, बाप बड़ा ना भैया , दुनिया में सबसे बड़ा रुपैया,

पर अब तो औरतो ने इतनी तरक्की कर ली है कि वे भी गाने लगी हैं --

पति और ना बच्चा, आप बड़ा ना भैया , इस सारी दुनिया में सबसे बड़ा रुपैया।

आजकल के नए जमाने में कुछ लोगों के लिए पैसा ही भगवान हो गया है। पैसा जरूरत है पर सबसे ऊपर नहीं है।

क्यों मनुष्य भूल जाता है की मेहनत का पैसा ही जीवन सफल करता है। दूसरे की कमाई और दूसरे का पैसा -दोनों ही केवल मात्र बर्बादी लाता है ! जो लोग अपने पैसे खुद ना कम कर दूसरे के पैसे पर नजर रखते हैं वह उसे भिखारी की तरह है जो अपनी प्लेट में रोटी होते हुए भी दूसरे आते-जाते लोगों को लालची निगाहो से ताकते रहते हैं! 

कितने भी अच्छे कपड़े पहन लो, आप कभी भी अच्छी दिखोगे ही नहीं, दूसरों के पैसों पर जीने वाला व्यक्ति केवल मात्र एक भिखारी की श्रेणी में  ही आता है. सबसे जरूरी होता है माता-पिता का रिश्ता, भाई बहनों का रिश्ता,  पर आज के युग में तो सबसे बड़े रिश्तेदार हैं पैसा, फिर चाहे पैसे पाने के लिए किसी का कत्ल करना पड़े, जेल की सजा खानी पड़े ,मनुष्य भूल जाता है कि पैसे से आप अपने जरूरत की चीज तो खरीद सकते हो, पर किसी का विश्वास नहीं खरीद सकते।

आज की तारीख में अगर टटोला जाए तो भिखारी के पास बिना मेहनत का बहुत पैसा होता है , पर उसको जीना नहीं आता है, वह अपने बच्चों का भविष्य नहीं सोचता है, हर भिखारी सिर्फ अपने ऊपर ही खर्च करता है, जबकि मेहनत से कमाने वाला व्यक्ति चार रूपयो में भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देता है,अच्छे संस्कार देता है, और अपना जीवन यापन काटता है।

ईश्वर ने जितने भी पैसे दिए हैं उसमें ही सब्र करना आना चाहिए।

अपनी कमाई के नमक रोटी दूसरे की कमाई के रसगुल्ला से बहुत अच्छी है। अच्छी  बरक्कत,

 अच्छी सेहत  आप केवल मात्राएं अपनी कमाई से ही पा सकते हैं।

जरा सोचिए जो लोग अपने माता-पिता की कमाई और मकान हड़पने की दिन-रात साजिश करते रहते हैं वह यह क्यों नहीं सोचते हैं कि अगर पिता अपने बच्चों के लिए काम कर मकान और पैसा रख सकता है तो बच्चे भी कमाकर अपनी संतान के लिए एक नया मकान और पैसे क्यों नहीं रख रहे।

अपने ही बेटे को अपने ही पिता से हडपा हुआ मकान देकर आप कितना बड़ा पाप कर रहे हैं। ईश्वर की नजर में यह बहुत बड़ा पाप है। भगवान श्री राम में अपने पिता और भाइयों के लिए सब सुख छोड़ दिया वहीं भारत ने भगवान श्री राम के लिए अपना सारा जीवन कुटिया में काटा। रामायण सिर्फ पढ़ने की चीज नहीं है इसके हर पात्र से कुछ सीख करके अमल करना होता है। नहीं तो आप कितनी आरती कर लो। कितनी भी पूजा पाठ कर लो। कितने भी कीर्तन कर लो कितने। भी मंदिरों के चक्कर लगा लो। आपका कभी भी भला हो ही नहीं सकता

सब जानते हैं रावण भगवान की कितनी पूजा करता था फिर भी रावण को पूजा करने का कौन सा अच्छा फल मिला। आज भी रावण को बेदर्दी से जलाया जाता है।

लेखिका-ऊषा शुक्ला

चमकनी घंटाघर

शाहजहांपुर यूपी