राम-नाम की धुन में भोले,
देखो मन भर गाते हैं,
जीवन की हर राह बुहारें,
खुशियों से भर जाते हैं।
राम-नाम की ......
सबके जीवन में सपने हैं,
भोले पार लगाते हैं,
मन की सारी आशाओं में,
भोले जोड़ लगाते हैं।
राम नाम की .....
कोई कहता सुनते सबकी,
पर मन की ही करते हैं,
पर भोले तो बिना सुने ही,
इच्छा पूरी करते हैं।
राम नाम की .....
कदम-कदम श्वांसें को भरते,
भोले अंतर्यामी हैं,
जड़ और चेतन की दुनिया के,
भोले ही तो स्वामी हैं।
राम नाम की ......
आओ घट-घट डंका पीटें,
भोले की दीदारी का,
जीवन मेरा भोले से है,
भोले से ही यारी का ।
राम नाम की ....
(133 वां मनका)
कार्तिकेय त्रिपाठी 'राम'
सी स्पेशल,गांधीनगर, इन्दौर