हंस के दर्द सह लेता है

रोती है आंखे,जँहा मे दर्दे बयान के लिए

हंस के दर्द सह लेता है,इत्मीनान के लिए

दर्द छिपाने की कला बहुत ख़ास  होता है

सबके दिलों में ख़ास दर्द महसूस होता है


दर्द छिपाना भी तो एक बेहतरीन आर्ट है

खुशी और गम तो जीवन का ही पार्ट है

दर्द सहने की क्षमता सबमे नहीं होता है

सबके दिलों में ख़ास दर्द महसूस होता है


जीवन में रंजो गम का सदा मेला होता है

दर्द में सदैव जीव तन्हा व अकेला होता है

अपना ही दर्द सबसे बड़ा महसूस होता है

सबके दिलों में ख़ास दर्द महसूस होता है


आना और जाना तो जीवन का खेल है

जिसमे होता कोई पास तो कोई फेल है

जिसे चाहे उसी से दूरी क्यूंकर होता है

सबके दिलों में ख़ास दर्द महसूस होता है


कोमल  ह्रदय पर भावना कितने कठोर है

क्या प्यार का इसमें नहीं कोई भी ठौर है

नम्रता मे भी कटुता का अहसास होता ह

सबके दिलों में ख़ास दर्द महसूस होते है


रचनाकार

प्रमेशदीप मानिकपुरी

आमाचानी धमतरी छ.ग.

9907126431