रोहित शर्मा के बचपन के कोच दिनेश लाड ने दिया बड़ा बयान, दुनिया में कोई भी इनकी तरह गेंद को हिट नहीं कर सकता है

अहमदाबाद। रोहित शर्मा बल्लेबाजी करते समय जिस तरह से शॉट्स खेलते है, बोल को टाइम करते है, ऐसा लगने लगता है कि, क्रिकेट में बल्लेबाजी करना बहुत आसान है। वे सुरम्य है। हालांकि, हकीकत यह है कि बल्लेबाजी करना इतना आसान नहीं है और भारत ही नहीं, दुनिया में कोई भी रोहित शर्मा की तरह गेंद को हिट नहीं कर सकता है - क्योंकि - रोहित शर्मा एक ही हैं।

रोहित शर्मा इस समय पर्पल पैच में हैं। उन्होंने विश्व कप के पहले 3 मैचों में 72.33 की औसत से 217 रन बनाए हैं। जिसमें एक अर्धशतक और एक शतक शामिल है। हालांकि, आज से 12 साल पहले रोहित अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे थे। 2011 में जब भारत ने श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ विश्व कप की संयुक्त मेजबानी की थी तो उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया था।

तब युवा रोहित को उनके कोच दिनेश लाड ने एक सलाह दी थी। यदि आप नहीं जानते हैं, तो रोहित, जो एक ऑफ स्पिनर बनना चाहते थे, उन्होंने दिनेश लाड के कहने पर ही बल्लेबाज बनने का फैसला किया। कोच दिनेश ने रोहित को क्या सलाह दी? क्या है रोहित की ताकत? इन-फॉर्म रोहित वर्ल्ड कप में और कितना धमाल मचाएंगे? इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए गुजराती जागरण ने द्रोणाचार्य एवॉर्ड विजेता दिनेश लाड से खास बातचीत की।

वर्ल्ड कप से पहले 6-7 महीनों में टी20 क्रिकेट का चलन बढ़ा। रोहित ने लंबे समय तक लगातार वनडे मैच नहीं खेले थे। टी20 क्रिकेट में आपको पहली गेंद से ही आक्रामक होकर खेलना होता है, बल्ला घुमाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। अगर आप पिच पर खड़े नहीं रहेंगे तो रने कैसे बनेंगे? अब रोहित जिस तरह से विकेट पर खेल रहे हैं, वह अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं। मैं पहले से ही सभी को बता रहा हूं कि एक बार वनडे क्रिकेट आने दो, फिर देखना रोहित शर्मा कैसे खेलता है।

रोहित की ताकत यह है कि वह हर शॉट सीधे बल्ले से खेलते हैं। वह लगभग हर शॉट में गेंद को बल्ले के बीच से मारता है। वह अभी बहुत अच्छी लय में है।' अगर वह पिच पर टिके रहे तो हर मैच में 100 रन बना सकते हैं। 2019 वर्ल्ड कप में उन्होंने ये साबित भी किया। पिच पर कुछ समय बिताने के बाद गियर कैसे बदला जाता है, वो उनसे बेहतर और कोई नहीं जानता। अगर रोहित शर्मा 10 ओवर तक पिच पर टिक जाएं तो व्हाइट बोल क्रिकेट में उनसे ज्यादा खतरनाक बल्लेबाज दुनिया में कोई नहीं है।

मैं रोहित से ज्यादा बात नहीं करता। अगर तकनीक में कोई खामी है तो बात करने की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। जब वह अच्छा खेल रहा हो, अच्छी लय में हो तो उसे परेशान नहीं करना चाहिए।' मैं बस इतना जानता हूं कि वह इस टूर्नामेंट के लिए सकारात्मक हैं और ढेरों रन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह उनका आखिरी 50 ओवर का विश्व कप हो सकता है। वह 2011 विश्व कप के लिए टीम का हिस्सा नहीं थे। तब टीम जीती थी। अब वह देश को ट्रॉफी दिलाने के लिए अपना सब कुछ लगा देंगे।

मुझे लगता है कि 2011 विश्व कप से पहले जिस तरह के प्रदर्शन की उनसे उम्मीद थी, रोहित वैसा करने में नाकाम रहे थे। इसीलिए उन्हें वर्ल्ड कप टीम में शामिल नहीं किया गया। तब मैंने उन्हें सलाह दी कि, रोहित अगर तुम क्रिकेट को समय नहीं दोगे तो सब तुम्हें भूल जायेंगे। इस बारे में सोचें कि आप क्या करना चाहते हैं। यह रोहित के लिए भी चौंकाने वाला था क्योंकि उनके बाद विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और फिर भी उसे विश्व कप टीम में चुना गया था।

आज दुनिया को रोहित शर्मा के रूप में सफेद गेंद का सफल ओपनर मिला, इसका श्रेय धोनी को भी जाता है। चैंपियंस ट्रॉफी में उनसे ओपनिंग कराने वाले धोनी ही थे और उसके बाद ही उनका करियर ग्राफ ऊपर गया है। इसके बाद रोहित ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मैं चाहता हूं कि सिर्फ रोहित ही नहीं बल्कि सभी बल्लेबाज अच्छा खेलें।' शुबमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव सभी अच्छी लय में हैं और योगदान दे रहे हैं। मुझे 100% विश्वास है कि विश्व कप हम जीतने वाले है। क्रिकेट एक टीम गेम है, रोहित अकेले कुछ नहीं कर सकते और मुझे यकीन है कि पूरी टीम मिलकर देश के लिए वर्ल्ड कप जीतेगी।'

शार्दुल ठाकुर गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी योगदान देने में सक्षम हैं। वनडे में उन्हें बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिला। रोहित की तरह शार्दुल को भी खुद पर भरोसा है। मुझे भी यह विश्वास है कि जरूरत पड़ने पर वह टीम के लिए अमूल्य योगदान देंगे।' बता दें कि रोहित की तरह दिनेश लाड शार्दुल ठाकुर के भी कोच हैं।