उपकार।

एहसान या खिदमत कहा जाएं,

यह एक संस्कार है,

मुश्किल वक्त में इसके सोहबत में,

दिल से शुक्रिया अदा करना,

सबसे उत्कृष्ट व्यवहार है।

दूसरों का भला करने में,

मिलता है आत्मिक सुख यहां,

सम्मान और इज्ज़त वाली ताकत बनकर,

दिखता है प्रभुत्व यहां,

यह एक सुखद अहसास है,

जगत-संसार में सबसे आगे,

रहने वाले लोगों को,

मिलता खूब सम्मान है,

कहलाता सुखद प्रयास है।

यह एक सुखद अनुभव का संकेत है,

प्रेम और विश्वास से भरपूर,

सब रहते ओतप्रोत है।

यह नजदिकियां लाकर हृदय से,

आभार व्यक्त करता रहता है,

खूबसूरत पहचान बनाने वाली ताक़त बनकर,

उमंग और उत्साह से,

ज़िन्दगी में सुकून और खुशियां भरने में,

सबसे प्रखर पहचान बनाने वाली,

ताक़त बनकर सबमें अनूठा,

खुशनुमा रंग भर देता है।

यह आभार और तोहफा कहलाता है,

सबमें अपनत्व विवेक और सुकून देने वाली,

ताक़त बनकर सबमें अपनत्व बढ़ाने में,

सहयोग बना कर अद्भुत,

खुशियां और अद्भुत सुकून दिलाता है।

डॉ० अशोक ,पटना, बिहार।