पानी की पाठशाला का शुभारंभ

पानी की दुर्दशा के लिए हम है दोषी- डॉ. अनिल प्रकाश जोशी

पानी की पाठशाला को हम गांव-गांव ले जाएंगे- मुख्य विकास अधिकारी, श्रीप्रकाश गुप्ता

तिब्बत गंगा जी के 40 प्रतिशत पानी के लिए जिम्मेदार है- हेमेंद्र 

आजमगढ़। आज नदी दिवस पर लोक दायित्व द्वारा हरिऔध कला केंद्र में आजमगढ़ महोत्सव के अंतर्गत हमारी नदियां हमारी संस्कृति विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में पानी की पाठशाला का उद्घाटन किया गया। इसका उद्घाटन पद्म भूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी जी एवं मुख्य विकास अधिकारी महोदय ने किया। 

पानी की आवश्यकता और नदियों की अविरलता, निर्मलता पर एक लंबे अनुभव को डॉ0 जोशी ने साझा किया। उन्होंने कहा कि पानी की दुदर्शा के लिए हम ही जिम्मेदार हैं। हमें ही इसका निराकरण करना होगा। सब कुछ प्रकृति में है, उसी से मिलना है। इसीलिए यदि यह भाव आ जाये कि मैं ही प्रकृति हूँ तो अच्छा है।

सारस्वत अतिथि हेमेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि गंगा जी का 40 प्रतिशत पानी तिब्बत से आता है। नदी और पानी को इतनी प्राथमिकता देनी होगी कि हमें प्रतिनिधियों से कहना होगा कि हम वोट तब देंगे जब आप पानी के लिए काम करने का वचन देँगे।

 पानी की पाठशाला  लोक दायित्व के संयोजक पवन कुमार सिंह की संकल्पना है। इस विषय पर प्रकाश डालते हुए पवन सिंह ने कहा कि आज बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए आवश्यक है पानी की पाठशाला। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि किस प्रकार से यह गांव गांव स्कूल स्कूल पहुंचेगी। मुख्य विकास अधिकारी ने राज और समाज को साथ आकर नदी और पानी पर काम करने की आवश्यकता है। 

इस कार्यक्रम के दौरान आजमगढ़ की नदियों एवं पानी की पाठशाला पर झांकियां और मॉडल बनाये गए थे साथ ही चित्र के माध्यम से मूल सरयू बचाओ अभियान को भी दर्शाया गया था। पवन सिंह की कल्पना को बेसिक शिक्षा एवं डायट के अध्यापकों और बच्चों ने साकार किया था। कार्यक्रम में लोक दायित्व के सदस्य, बेसिक शिक्षा के अध्यापक, तथा अन्य सुधी उपस्थित थे।