बाप्पा रुक जाओ ना

बाप्पा तुम्हे आये

चार दिन हो गये

थोड़े और रुकना

में तेरे आगे झुकता

शुभ कार्य करुं ज़ब

पूजा तेरी हो तब

गजानन तू वक्रतुंड

विघ्नहर्ता गणेशा

जाने का वक्त जैसा आये

मन और उदास होवें

पल यही रुकसा जाये

तू हमेशा हमारे साथ रहे

गजवक्र तू विनायक

एकदन्त सुख दायक

वाहन तेरा हे भूषक

नाम तेरा सिद्धिविनायक


कु, कविता चव्हाण, जलगांव, महाराष्ट्र