पुस्तक मेले में चारु काव्यांगन के भव्य वार्षिकोत्सव में हुआ सम्मान

आजमगढ़। लखनऊ में आयोजित पुस्तक मेले में चारु काव्यांगन के भव्य  वार्षिक उत्सव, पुस्तक लोकार्पण, एवं सम्मान समारोह में मऊ के साहित्यकार मनोज कुमार सिंह का अन्य साहित्यकारो के साथ सम्मान हुआ। इस अवसर पर प्रेम-परिधि..चारु साझा काव्य-संग्रह का भव्य लोकार्पण हुआ। चारु साझा काव्य -संग्रह में मूर्धन्य विद्वान साहित्यकारों के साथ मनोज कुमार सिंह की पांच रचनाएं भी प्रकाशित हुई है। साझा काव्य संग्रह प्रेम -परिधि में पाठक साहित्य की विविध विधाओं का रसास्वादन कर सकते हैं एवं विलक्षण साहित्यकारो की उत्कृष्टतम रचनाओं से रुबरु हो सकतें हैं।

लखनऊ! साहित्यिक शुचिता एवं हिंदी को समर्पित संस्था चारु काव्यांगन के तत्वावधान में प्रेम- परिधि (चारु साझा काव्य -संग्रह) का लोकार्पण व सम्मान, वार्षिक समारोह , बलरामपुर गार्डेर्न,पुस्तक मेला,लखनऊ में विधिवत सम्पन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता साहित्य भूषण श्री कमलेश मौर्य "मृदु" जी ने की। मुख्य अतिथि डॉ0 अनिल मिश्र जी एवं अतिविशिष्ट अतिथि कनाडा से श्री उदय प्रताप सिंह जी, व श्री विशिष्ट अतिथि आगरा से श्री मोहन मुरारी शर्मा जी रहे। मुख्य वक्ता श्री हरिमोहन वाजपेयी "माधव" जी  रहे। समारोह में उपस्थित सभी काव्य मनीषियों का स्वागत डॉ0 रेनू द्विवेदी (संस्थाध्यक्ष) ने किया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री चन्द्र देव दीक्षित जी द्वारा किया गया। समारोह का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन के बाद  में डॉ0 शोभा दोक्षित "भावना" जी की सुमधुर वाणी वन्दना से हुआ। इस अवसर पर प्रेम-परिधि पुस्तक, चारु साझा काव्य- संग्रह में सम्मिलित श्रेष्ठ रचनाकार श्री कुँवर कुसुमेश जी, डॉ0 शोभा दीक्षित "भावना" जी, डॉ0 निर्भय नारायण गुप्त जी, श्री श्रीश चन्द्र दीक्षित जी, श्री मनोज कुमार सिंहजी ,श्री मनमोहन बाराकोटी जी, श्री आलोक रावत "आहत लखनवी जी,श्री अमर श्रीवास्तव जी, डॉ0 प्रतिभा मिश्रा जी, सुश्री राधा शुक्ला जी, श्री सुरेंद्र मिश्र "अंकुर" जी,डॉ0 सुधा मिश्रा जी,श्री जितेंद्र मिश्र "भास्वर" जी, सुश्री वर्षा रानी श्रीवास्तव जी, श्री पीयूष सिंह जी, जी,श्री हरिगोविंद यादव जी, श्री अजय त्रिवेदी जी  को *चारु साहित्य रत्न* सम्मान से संस्था द्वारा सम्मानित किया गया।

 इस सम्मान समारोह में विचार व्यक्त करते हुए मनोज कुमार सिंह ने कहा कि- जिस तरह शारीरिक कुपोषण दूर करने के लिए संतुलित आहार की आवश्यकता होती है उसी तरह मानसिक कुपोषण दूर करने के लिए स्वस्थ, श्रेष्ठ और सृजनात्मक रचनात्मक चेतना जागृत करने वाले साहित्य की आवश्यकता होती है। इस अवसर पर सम्मानित करने के लिए मनोज कुमार सिंह ने चारु काव्यांगन की संस्थापिका श्रीमती रेनू द्विवेदी का आभार व्यक्त किया। समारोह में 70 से अधिक प्रतिष्ठित साहित्यकारों व शहर के गणमान्य मनीषियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। समारोह के अंत में  पधारे काव्य मनीषियों का आभार व्यक्त विनोद कुमार द्विवेदी(आयोजक) ने किया।