नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम की नई रणनीति को लेकर बात की और उन सभी सवालों का जवाब दिया जो इस समय फैन्स और पूर्व दिग्गजों द्वारा पूछे जा रहे हैं. बातचीत के दौरान द्रविड़ ने भारतीय बल्लेबाजों द्वारा गेंदबाजी न कराए जाने वाले सवाल पर अपनी राय दी. दरअसल, हाल के समय में भारतीय मैनेजमेंट ऑलराउंडर को टीम में शामिल करने को लेकर जोर दे रहा है. जिसके कारण टॉप ऑर्डर बल्लेबाज मैच के दौरान पार्ट टाइम गेंदबाज की भूमिका निभाते हुए नजर नहीं आते हैं. भारतीय टीम में अक्षर पटेल या वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को मैदान में उतारने की बेताबी दो कारणों पर आधारित है - बल्लेबाजों का पर्याप्त गेंदबाजी नहीं करना और पुछल्ले बल्लेबाजों का बल्ले से योगदान न दे पाना. इस सवाल पर द्रविड़ ने रिएक्ट किया और अपनी राय कही.
कोच द्रविड़ ने सीधे तौर पर कहा, "मुझे लगता है कि ऐसा नियम बदलने के कारण हुआ है. अचानक आप सर्कल में 4 फील्डरों की जगह 5 फील्डरों को रखने लगे हैं. जिसकी वजह से पार्ट टाइम गेंदबाजों द्वारा बीच के ओवरों में गेंदबाजी करने की काबिलियत में तेजी से बदलाव हुआ है." सूर्यकुमार को कुछ साल पहले मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए बुलाया गया था जिसके बाद से उन्होंने कभी गेंदबाजी नहीं की. सूर्यकुमार से पहले शिखर धवन कभी कभार ऑफ स्पिन किया करते थे लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्हें संदिग्ध एक्शन का सामना करना पड़ा जिसके बाद उन्होंने मैचों में गेंदबाजी करना बंद कर दिया था.
वहीं अगर बीते समय की बात की जाये तो सचिन तेंदुलकर इनस्विंगर, आउटस्विंगर, लेग ब्रेक, ऑफ ब्रेक किया करते थे जिससे उन्होंने 154 वनडे विकेट झटके. सौरव गांगुली ने भी 100 विकेट झटके हैं जबकि युवराज सिंह की गेंदबाजी ने भारत को 2011 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका अदा की जिन्होंने 111 विकेट हासिल किये. ये सभी विशेषज्ञ बल्लेबाज शीर्ष पांच बल्लेबाजी क्रम में शामिल थे. वीरेंद्र सहवाग ने 96 विकेट झटके और सुरेश रैना ने 36 विकेट हासिल किये.
द्रविड़ ने कहा, "अगर आप याद करो और इन नामों (सचिन, सौरव, सहवाग, युवराज, रैना) की गेंदबाजी का जिक्र इस चरण में करो तो इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने तब गेंदबाजी शुरु की जब सर्कल में केवल चार क्षेत्ररक्षक हुआ करते थे. उन्होंने कहा, "इस परिस्थिति (सर्कल के अंदर पांच क्षेत्ररक्षक) में आप कामचलाऊ गेंदबाज गंवा सकते हो और ऐसा हमारे साथ ही नहीं हुआ बल्कि काफी टीमों ने ऐसा किया. अगर आप ध्यान दो तो अन्य टीमों में भी कामचलाऊ गेंदबाजों की संख्या में कमी आयी है. द्रविड़ ने कहा, "ऐसा सिर्फ भारतीय टीम के लिए नहीं है."