सुन लो बातें मेरी मम्मी,
तीज नहीं मैं जाऊंँगा,
पापा दादी के संँग रहकर,
उनका हाथ बटाऊंँगा।।
इम्तिहान सर के ऊपर है,
टीचर रोज पढ़ाते हैं,
होमवर्क जो ना करते हैं,
उसको डांँट लगाते हैं।।
नानी के घर मैं जाऊंँ तो,
कोर्स नहीं कर पाऊंँगा,
अच्छे नंबर सब लायेंगे,
मैं पीछे रह जाऊंँगा।।
चिंता ना करना मम्मी तुम,
मीठे पकवान बनाना,
नानी मामा मौसी के संँग,
फोटो भी खूब खिचाना।।
सुबह–शाम तुम फोन लगाकर।
सबसे बातें करवाना,
मेरी प्यारी–प्यारी मम्मी,
जल्दी से घर तुम आना।।
रचनाकार
प्रिया देवांगन "प्रियू"
राजिम
जिला - गरियाबंद
छत्तीसगढ़
Priyadewangan1997@gmail.com