गहमर रेलवे ठहराव समिति तथा भू० पू० सैनिक संगठन ने दिया एक दिवसीय सांकेतिक धरना

निरस्त ट्रेनों के ठहराव के लिए खोला मोर्चा दी चेतावनी

गाजीपुर। एशिया महाद्वीप के सबसे बड़े गांव गहमर स्थानीय रेलवे स्टेशन पर कोरोना काल से इस्लामपुर दिल्ली मगध एक्सप्रेस, जयनगर आनंद बिहार गरीब रथ एक्सप्रेस एवं कामाख्या भगत की कोठी एक्सप्रेस के खत्म हुए ठहराव को पुनः शुरू करने के लिए गहमर रेल ठहराव समीति ने भूतपूर्व सैनिक संगठन के साथ मिल कर एक बार फिर मोर्चा खोल स्टेशन पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया।

सोमवार को पुन: रेल ठहराव समिति ने गहमर रेलवे स्टेशन पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना के माध्यम से डी आर एम दानापुर एवं रेल अधिकारियों को अगाह किया साथ ही चेताया कि अगर रेल प्रशासन लंबे समय से चल रही हमारी मांग को नहीं मानता है तो हम आगे आने वाले 30 सितंबर से अनवरत आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

वक्ताओं के क्रम में अखंड सिंह ने बताया कि कोरोना को कारण बता कर गहमर रेलवे स्टेशन से 12435/12436 आनंद बिहार -जयनगर- आनंद बिहार गरीब रथ एक्सप्रेस, 20801/20802  इस्लामपुर-नईदिल्ली इस्लामपुर मगध एक्सप्रेस एवं 15623/ 15624  कामाख्या -भगत की कोठी-कामाख्या एक्सप्रेस का गहमर स्टेशन से ठहराव खत्म खत्म कर दिया गया है। 

कई बार इस संबंध में रेलवे को अगवत करा कर हम अपनी मॉंग रखे लेकिन रेलवे अधिकारीयों पर हमारी मॉंगों का कोई असर नहीं हो रहा है। अब हम दिनांक 30 सितम्बर 2023 से रेलवे स्टेशन परिसर में अनवरत अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठ जायेगें और यदि उसके बाद भी हमारी मॉंगें नहीं मानी गई तो हम ट्रैक जाम कर रेल के पहिये को रोकने का काम करेंगे।

इस संबंध में हरे राम सिंह ने कहा कि 27 जुलाई 2021 को गहमर रेलवे  स्टेशन परिसर में रेलवे के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन ने समझौता भी किया कि यथाशीघ्र आपकी समस्या का हल हो जायेगा लेकिन आज दो वर्ष बीत जाने के बाद भी समस्या का हल नही हो रहा है। अतः अब हम आन्दोलन को बाध्य हैं।

वहीं पूर्व सैनिक सूबेदार मेजर मार्कण्डेय सिंह ने कहा कि रेलवे सैनिक बाहुल्य गॉंव गहमर के गहमर रेलवे स्टेशन को विभाग अभी तक कोविड का गढ़ समझा हुआ है और गहमर की बार बार मॉंगों के बाद भी खत्म की गई ट्रेनो का ठहराव गहमर रेलवे स्टेशन पर नहीं दिया जा रहा है।और रेलवे विभाग अपनी मनमानी कर रहा है, यह सैनिकों का घोर अपमान है।

इस अवसर पर रेल पुनः ठहराव समिति के सुधीर सिंह, ओमप्रकाश सिंह,भूतपूर्व सैनिक चंदन सिंह,मनोज सिंह, सच्चिदानंद उपाध्याय,हरे राम सिंह,रोहित,रघुराज,बलिराम उपाध्याय,संतोष चौरसिया,प्रशांत इत्यादि मौजूद थे।