जनपद स्तरीय जगरूकता कार्यक्रम कृषक गोष्ठी का हुआ आयोजन

फतेहपुर। प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ काप रेज्ड्यू योजनानतर्गत फसल अवशेष प्रवन्धन के लिए जनपद स्तरीय जागरूकता कार्यकम/कृषक गोष्ठी एवं किसान दिवस का आयोजन विकास भवन फतेहपुर में अपर जिलाधिकारी(वित्त/राजस्व) श्री विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।  जिसमें पराली पराली / गन्ने की पत्ती एवं फसलों के अन्य अवशेष जलाये जाने के सम्बन्ध में एन०जी०टी० से सम्बन्धित कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी दी गयी एवं विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने विभाग से सम्बन्धित योजनाओं की जानकारी दी गयी।

उप कृषि निदेशक श्री राममिलन सिंह परिहार द्वारा गोष्ठी में उपस्थित सभी अतिथिगण, अधिकारीगण एवं कृषक वन्धुओं का स्वागत करते हुए अवगत कराया गया कि जनपद फतेहपुर में अधिकतर धान की पुआल में आग लगायी जाती है। इसके सड़ाने-गलाने हेतु वेस्ट डीकम्पोजर का प्रयोग करें जो जनपद के सभी राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर निःशुल्क हेतु उपलब्ध करा दिया जायेगा तथा फसल अवशेष प्रवन्धन हेतु एन०जी०टी० से सम्बन्धित यंत्रों यथा वेलर, मल्चर, सीडड्रिल, सुपर सीडर आदि यंत्रों के कय हेतु विकास खण्डवार विभागीय पोर्टल पर व्यवस्था है। 

जिसके माध्यम से कृषक यंत्रों हेतु टोकन युक करने एवं यंत्र कय करने के उपरान्त अनुदान हेतु विल बाउचर कृषि भवन फतेहपुर में उपलब्ध कराना होगा। इसके अतिरिक्त उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि धान की कटाई के बाद पराली जलाने की घटनायें न हो सकें इसके लिए जिला और तहसील स्तर पर टीम गठित की गयी है। साथ ही ब्लाक स्तर पर सचल दस्ते बनाए गए हैं। 

कहीं भी पराली जलाने की घटनायें होने पर सेटेलाइट द्वारा जानकारी प्राप्त हो जाती है। अवगत कराया गया कि पराली जलाने से प्रदूषण बढता है इसे रोकने के लिए जिला स्तर पर गठित टीम में मुख्य विकास अधिकारी महोदय की अध्यक्षता में टीम गठित की गयी है। 

तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी और सी०ओ० का नेतृत्व करेंगे। ब्लाक स्तर पर बने सचल दस्ते में बीडीओ और नायब तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। ब्लाक स्तर पर सभी लेखपाल और प्रधानों का एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया जायेगा, कहीं भी घटना होने पर इसकी सूचना ग्रुप पर दी जायेगी। 

सचल दस्ते की जिम्मेदारी होगी कि प्रतिदिन की रिपोर्ट जिला स्तरीय टीम को दी जायेगी। पराली / फसल अवशेष जलाने पर 2 एकड से कम भूमि वाले किसानों से रू0 2500/- का जुर्माना प्रति घटना, 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों से रू0 5000/- का जुर्माना प्रति घटना एवं 5 एकड से अधिक भूमि वाले किसानों से रू0 15000/- का जुर्माना प्रति घटना / दण्ड का प्राविधान है।

 इनके द्वारा यह भी बताया गया कि प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर भी दिनाँक 19-09-2023 से 23-09-2023 तक फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु कृषक जागरूकता कार्यकम आयोजित कराये जा रहे हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र थरियाँव से उपस्थित डॉ० जितेन्द्र सिंह वैज्ञानिक द्वारा वर्तमान में धान की फसल की सामयिक जानकारी तथा माह अक्टूबर में बोयी जाने वाली तिलहनी फसलों की नवीनतम कृषि तकनीकी जानकारी दी गयी। 

उनके द्वारा फसल चक के आधार पर ऊसर भूमि को उपजाऊ बनाने हेतु विस्तृत जानकारी दी गयी और फसल अवशेष खेत में जलाने से खेत की भौतिक, रसायनिक व जैविक दशा खराब हो जाती है और खेत की मिट्टी में मिलाने से खेत की दशा अच्छी और उपाजाऊ होती है। उनके द्वारा बताया गया कि यदि किसान संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करेंगे तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति सही रहेगी। अन्य विभागों से उपस्थित समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा अपनी-अपनी योजनाओं की जानकारी दी गयी और कृषकों से अपील की गयी कि फसलों के अवशेष न जलाकर उनको खेत में मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढाने के लिए खाद तैयार करें तथा प्रदूषण को रोकने में सहायोग प्रदान करने हेतु जागरूक किया।

 प्रगतिशील कृषक श्री लोकनाथ पाण्डेय, श्री नरसिंह पटेल, श्री बजरंग सिंह आदि सहित सैकड़ों की संख्या में किसानों की उपस्थिति रही। उप कृषि निदेशेक फतेहपुर द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु जनपद स्तरीय जागरूकता कृषक गोष्ठी में उपस्थित अतिथियों, कृषक बन्धुओं एवं अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यकम का समापन किया गया।