कैंसर मृत्यु का सबसे अहम कारण: डॉ. वैभव चाचरा

सहरानपुर। कैंसर मृत्यु का सबसे अहम कारण है। अनुमान है कि कैंसर के कारण होने वाली पांच में से एक मौत के लिए फेफड़े का कैंसर जिम्मेदार है। यह दुनिया भर में मौत का तीसरा प्रमुख कारण भी है। हर दिन लगभग. 400 लोग फेफड़ों के कैंसर से मरते हैं।

उक्त जानकारी आज यहां दिल्ली रोड स्थित एक होटल के सभागार में पत्रकारों को जानकारी देते हुए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून में पल्मोनोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. वैभव चाचरा ने बताया कि “विश्व फेफड़ा कैंसर दिवस हम सभी के लिए सामूहिक रूप से न केवल फेफड़ों के कैंसर बल्कि फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है। फेफड़ों की बीमारी के लक्षणों-जैसे छाती में दर्द, खांसी में खून आना, खांसी को हलके में न ले। धूम्रपान न करे और समय से फेफड़ो से सम्बंधित किसी भी लक्षण को हलके में न ले। इस से समय पर निदान मिलेगा और कुल मिलाकर मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी। 

मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देहरादून में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ.सौरभ तिवारी ने कहा, “फेफड़ो का कैंसर धूम्रपान करने वालो को सबसे अधिक प्रभावित करता है और फेफड़ो के कैंसर से पीड़ित 80% से अधिक लोग अक्सर धूम्रपान करते हैं। निष्क्रिय धूम्रपान, रेडॉन, वायु प्रदुषण, फेफड़ो के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, अन्य जोखिम कारक हो सकते हैं।  

लगातार खांसी, सांस लेने में कठिनाई,खांसी में खून आना, सीने में दर्द, थकान ये सभी फेफड़ो के कैंसर के लक्षण है जिनपर लोगो को ध्यान देना चाइये। इस दिन का मिशन सरल है जितना हो सके फेफड़ो के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाएसाथ ही लोगो को इस बीमारी के लिए खुद को जांचने के लिए प्रोत्साहित करे”। 

फेफड़ो के कैंसर के उपचार के विकल्प पिछले कुछ वर्षाे में काफी उन्नत हुए है और जीवित रहने की दर भी बढ़ रही है  और मरीजों को एक अच्छा क्वालिटी ऑफ़ लाइफ भी दी जा सकती है। फेफड़ो के कैंसर की सर्जरी विभिन्न आयामों से की जा सकती है, जैसे लेप्रोस्कोपी और रोबोटिक सर्जरी। 

डॉ. सौरभ ने आगे कहा, “जितनी जल्दी फेफड़ों के कैंसर का निदान किया जाता है, उतनी जल्दी इलाज शुरू हो सकता है और इसके फैलने की संभावना उतनी ही कम होती है। पिछले ढाई वर्षों में, मैक्स अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग में, हमने 500 से अधिक कैंसर रोगियों की समीक्षा की है।