मेरी माटी मेरा देश पावन है ये, शान से ध्वज तिरंगा फहराते हैं हम--।
उच्च उद्घोष नभ में श्रवण हो रहा।जिसको सुनकर ना फूले समाते हैं हम।
मेरी माटी मेरा देश पावन है शान से ध्वज तिरंगा फहराते हैं हम।।----
मेरी माटी की महिमा की तुलना नहीं ,इसका कण-कण है
चंदन वंदन की तरह, जहां जन्मे सियाराम राधारमण,
जिनको आदर्श अपना बताते हैं हम ।।---
मेरी माटी मेरा देश पावन है ए शान से ध्वज तिरंगा फहराते हैं ---
खून कितना बहा इस वतन के लिए, इसका अंदाजा लगाना है मुश्किल बहुत।
फंदा फांसी का हंसकर गले डाले जो, उनके सम्मान में सर झुकाते हैं हम ।।
मेरी माटी मेरा देश पावन है ए शान ध्वज तिरंगा फहराते हैं हम --
ज्ञान गीता का जिसने दिया विश्व को, सत्य कर्तव्य निष्ठा का संदेश भी।
मातृभूमि सरस प्रेरणा दायिनी
यश वैभव अमर गीत गाते हैं हम ।
मेरी माटी मेरा देश पावन है ए शान से ध्वज तिरंगा फहराते हैं हम --
गौरीशंकर पाण्डेय सरस