"तिरंगा है अभिमान मेरा"

मैं भारत माँ की बेटी हूँ, तिरंगा है अभिमान मेरा,

आज़ादी का दिन है आज,करते हम सम्मान तेरा।


इस मिट्टी में पल कर बड़ी हुई,मिट्टी को लहू से सींचुंगी,

गद्दारी  करने  वालों की  जुबान  हलक से  खिंचुगी।


मातृभूमी है  शान  मेरी, हिन्दुस्तानी  पहचान  मेरी,

मैं मान नही घटने दूंगी,चाहे देनी पड़े ये जान मेरी।


ए देश मेरे, है गर्व मुझे, मेरे देश के  वीर  शहीदों पर,

आज़ाद करा कर भारत को,वो खुद झूले थे फंदों पर।


विश्व गुरु है  देश मेरा  दुनिया को  राह दिखाता है,

सत्य,अहिंसा और धर्म का सबको पाठ पढाता है।


है वीर पुरुष हर बेटा देश का,वीरांगना हर बेटी है,

ए तिरंगे तेरी शान में  ये "साँझ" सलामी देती है।


सुशील यादव "साँझ"

नारनौल (हरियाणा)