ट्रंप का राजनीतिक भविष्य

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर चार महीनों में तीसरी बार आपराधिक आरोप लगे हैं। इस बार यह आरोप लगा है कि उन्होंने 2020 के अमेरिकी चुनाव के परिणाम को पलटने की कोशिश की थी। यह आरोप विशेष वकील जैकस्मिथ के उन आरोपों की जांच से उपजे हैं जो यह दर्शाते हैं कि ट्रंप ने डैमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन से अपनी हार को उलटने की कोशिश की थी। अधिकारियों ने गवाही दी है कि ट्रंप ने व्यापक मतदान धोखाधड़ी के झूठे दावों के आधार पर उन पर दबाव डाला और कांग्रेस को बाइडेन की जीत को प्रमाणित करने से रोकने के लिए उनके समर्थकों ने 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल पर हमला किया। ट्रंप पहले ही आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बन चुके हैं।

 यद्यपि इन आरोपों को ट्रंप ने राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा कि जैकस्मिथ विक्षिप्त हो चुके हैं और उन्होंने एक और फर्जी अभियोग लगाया है। आरोपों के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप अगले राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन की रेस में सबसे आगे हैं।  अब सवाल यह है घ्कि क्या आपराघ्धक मामले उनके पुनः राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के सपने को तोड़ सकते हैं या नहीं? इससे पहले उन पर गोपनीय दस्तावेज अपने पास रखने, पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स मामले में दिए गए धन को छुपाने के आरोप लग चुके हैं। 

उन पर ई.जीन कैरल नाम की एक स्तम्भकार ने केस दायर कर ट्रंप पर रेप और उसे सार्वजनिक तौर पर बदनाम करने का आरोप भी लगाया था। इस मामले में कोर्ट ने कैरल के बलात्कार के दावों को नहीं माना था, लेकिन उसका उत्पीड़न करने के मामले में ट्रंप पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया था। जस्टिस डिपार्टमेंट के हालिया अभियोग को मिलाकर अब ट्रंप 78 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। ट्रंप खुद को बेगुनाह बता रहें हैं लेकिन अगर उन्हें दोषी ठहराया गया और फिर हर एक मामले के लिए उन्हें अधिकतम अवधि की सजा सुनाई गई तो ट्रंप को सैकड़ों वर्षों की जेल हो सकती है। 

हालांकि ऐसे मामले कम हैं, जब जजों ने अधिकतम सजा सुनाई है। इसके अलावा मुजरिमों को एक साथ कई मामलों में सजा काटने की अनुमति दे देते हैं यानी कि किसी मामले में दस साल की सजा हो और दूसरे किसी मामले में चार ही साल की सजा है तो इसकी सजा दस साल वाले में एडजस्ट करने की मंजूरी दी जा सकती है। डोनाल्ड ट्रंप को हो सकता है कि अधिकतम सजा न सुनाई जाए या उन्हें एक साथ कई मामलों में सजा काटने की अनुमति मिल जाए लेकिन आरोपों और सजाओं की लंबी सूची ट्रंप के कानूनी खतरे की गंभीरता को दिखाती है। इसके अलावा यह अमेरिका के सामने भी असाधारण स्थिति है। 

जिसकी कमान एक बार फिर ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में लेना चाहते हैं। अमेरिका में कोई शख्स अधिकतम दो बार राष्ट्रपति रह सकता है और ट्रंप एक बार राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्होंने दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिए जो बाइडेन को कड़ी टक्कर दी लेकिन नाकाम रहे। कानूनी विशेषज्ञों का कहना हैै कि दोषी ठहराए जाने के बावजूद ट्रंप को राष्ट्रपति बनने से रोका नहीं जा सकता। आरोपित होने के बावजूद सुनवाई में महीनों का समय लगेगा और ट्रंप तब तक आराम से प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। 

न्यूयार्क या फ्लोरिडा मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भी ट्रंप के सामने चुनाव लड़ने में कोई बाधा नहीं आने वाली। अमेरिका के संविधान में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए किसी भी उम्मीदवार के लिए तीन योग्यताओं का होना अनिवार्य है। पहला उम्मीदवार अमेरिका का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र कम से कम 35 साल हो और वह 14 सालों से अमेरिका में रह रहा हो। ऐसी कई कानूनी बाधाएं हैं जिससे किसी भी व्यक्ति को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, लेकिन वे ट्रंप पर लागू नहीं होती। अगर किसी को आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया जाता है तो वह वोट नहीं डाल सकता, लेकिन वह चुनाव लड़ सकता है।

महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या इन आरोपों से ट्रंप के प्रचार अभियान को नुक्सान पहुंचेगा या उन्हें फायदा होगा? ट्रंप राजनीतिक कौशल के मामले में वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन पर भारी पड़ते दिखाई देते हैं। आरोपों के बावजूद ट्रंप के चेहरे पर कोई शिकन नजर नहीं आ रही। ट्रंप के आलोचक और  समर्थक उन्हें एक करिश्माई तेज तर्रार और कुशल राजनीतिक स्किल वाला इंसान मानते हैं। उनके बोलने का अलग स्टाइल और कई बार उनका बड़बोलापन उनके लिए  ही तोहफा साबित होता है। आलोचक उन्हें सबसे अच्छा झूठ बोलने वाला व्यक्ति भी करार देते हैं। देखना होगा कि आपराधिक आरोपों के चलते क्या अमेरिका की जनता उन पर कितना भरोसा करती है।