पिछड़ी जाति शादी अनुदान की समीक्षा की गयी

आजमगढ़। जिलाधिकारी श्री विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कल देर शाम कलेक्ट्रेट  सभागार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (पिछड़ी जाति शादी अनुदान )की समीक्षा की गयी। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारी को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पात्रों  को योजना का लाभ देने का निर्देश दिया। 

उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन पाने वाले आवेदकों को आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग एवं अनुसूचित जाति के आवेदकों को तहसील द्वारा ऑनलाइन निर्गत जाति प्रमाण पत्र का क्रमांक ऑनलाइन आवेदन पत्र में अंकित करना अनिवार्य होगा।  

उन्होंने कहा विवाह हेतु किए गए आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक एवं वर की आयु 21 वर्ष से अधिक होना अनिवार्य है। जिलाधिकारी ने कहा कि पति की मृत्यु के उपरांत निराश्रित/  विधवा महिला अथवा दिव्यांग आवेदक को वरीयता प्रदान की जाए तथा एक ही परिवार में से अधिकतम दो पुत्री की शादी है तो अनुदान अनुमन्य होगा। 

उन्होंने कहा कि शादी 1 अप्रैल 2023 के बाद हो एवं शादी की तिथि से 90 दिन पूर्व अथवा 90 दिन बाद तक ऑनलाइन आवेदन किया गया हो। जिला पिछड़ा  वर्ग कल्याण अधिकारी चेतन सिंह ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत  "प्रथम आगत प्रथम पावत" सिद्धांत के अनुरूप बजट की सीमा प्राप्त आवेदन पत्रों पर नियमानुसार निर्धारित अनुदान राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछड़ी जाति शादी अनुदान योजना अंतर्गत अपडेट पोर्टल पर ई केवाईसी तथा ई डिस्टिक सर्वर से सत्यापित सूचनाओं आवेदन पत्र में प्रदर्शित कराया जाने की प्रक्रिया राज्य एन 0आई0 सी0 द्वारा निर्मित पोर्टल में की गयी है। 

उन्होंने बताया कि आवेदक द्वारा ऑनलाइन आवेदन में मात्र आधार एवं जाति का नंबर अंकित किया जाएगा और आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी जारी होगा, जिसे भरने के उपरांत ही आगे का आवेदन प्रक्रिया की जा सकेगी।उन्होंने बताया कि आवेदक एवं पुत्री के आधार डाटा से समस्त जानकारी स्वत:ऑनलाइन आवेदन फार्म में उपलब्ध हो जाएगी तथा राजस्व की वेबसाइट से आय एवं जाति प्रमाण पत्र की समस्त जानकारी स्वत :फॉर्म में अंकित हो जाएगी।  बैठक मे जिला विकास अधिकारी, माननीय जनप्रतिनिधिओ के प्रतिनिधि, एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।