साधु-सन्त हमारी धरोहर, संरक्षण हमारा दायित्व : जैन

विधायक जैन का जैन समाज ने किया अभिनन्दन

राज्य श्रमण संस्कृति बोर्ड के गठन की घोषणा से जैन समाज मे खुशी की लहर

बाड़मेर । राजस्थान सरकार द्वारा जैनाचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी मुनिराज एवं सकल जैन समाज की पुरजोर मांग एवं भावना की कद्र करते हुए 22 जुलाई को जैन संस्कृति, साधृ-सन्तों की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर राजस्थान राज्य श्रमण संस्कृति बोर्ड के गठन की घोषणा करते हुए राजकीय सूचना जाहिर की । 

जिस पर सम्पूर्ण जैन समाज में खुशी की लहर है । सम्पूर्ण जैन समाज ने राज्य सरकार का आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया । जिस कड़ी में राज्य गोसवेा आयोग अध्यक्ष व बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए रविवार को जैन न्याति नोहरे में जैन श्रीसंघ, बाड़मेर की ओर से राज्य सरकार का आभार एवं विधायक महोदय का अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित किया गया ।

जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के महामंत्री किशनलाल वडेरा ने बताया कि जैन धर्म, संस्कृति व साधु-सन्तों की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर पिछले लम्बे समय से सकल जैन समाज की ओर से मांग की जा रही थी । जिस पर 31 जनवरी को राजस्थान विधानसभा में बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन द्वारा भी सशक्त पैरवी की गई । जिस पर राज्य सरकार ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए 22 जुलाई को राज्य श्रमण संस्कृति बोर्ड गठन करने की विधिवत् घोषणा की । 

जिस खुशी में रविवार को जैन न्याति नोहरे में आभार व अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित कर राज्य सरकार का आभार एवं राज्य गोसवेा आयोग अध्यक्ष व बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन का अभिनन्दन किया गया । कार्यक्रम में जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के बैनरतले जैन समाज के गणमान्य सदस्यों द्वारा विधायक महोदय का साफा व माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया गया ।

जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के अध्यक्ष एकवोकेट अमृतलाल जैन ने स्वागत भाषण कहा कि राजस्थान में श्रमण संसकृति बोर्ड के गठन से जैन संस्कृति व साधु-सन्तों को पर्याप्त संरक्षण प्राप्त हो सकेगा । जैन ने कहा कि इस कार्य में राज्य गोसेवा आयोग अध्यक्ष व बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन की भूमिका बहुत ही विशिष्ट एवं प्रशंसनीय रही है । हम सब राज्य सरकार का आभार एवं विधायक महोदय का खूब-खूब अभिनन्दन करते है । 

जैन ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार को जैन ट्रस्ट, मन्दिर, धर्मशाला आदि को किराया नियन्त्रण अधिनियम से मुक्त करें तथा श्रमण संस्कृति बोर्ड के सशक्त व मजबूती प्रदान करे ताकि बोर्ड के सुझावों का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके ।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्य गोसवेा आयोग अध्यक्ष व बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि साधु-सन्त हमारी धरोहर है, उनकी सुरक्षा व संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है । हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है । उसके बचाने व संरक्षित करने के हरसम्भव प्रयास होने चाहिए । जैन ने अभिनन्दन के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। जैन ने कहा कि चुनाव पूर्व ही श्रमण संस्कृति बोर्ड का विधिवत् गठन करने के प्रयास किये जायेंगें ।

कार्यक्रम में डॉ. बी. डी. तातेड़ ने कहा कि श्रमण संस्कृति बोर्ड के गठन की घोषणा में विधायक महोदय की भूमिका का स्वागत करते हुए कहा कि इस खबर से जैन समाज में खुशी का माहौल है । इससे हमारे साधु-सन्तों व संस्कृति आदि को सुरक्षा व संरक्षण मिल सकेगा । जिसकी हम सब लम्बे समय से मांग कर रहे थे । आभार व अभिनन्दन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जैन समाज के गणमान्य नागरिक व युवासाथी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन महामंत्री किशनलाल वडेरा ने किया ।