हिन्दी बने जन-जन की भाषा-देश के प्रधानमंत्री ने हिन्दी का सम्मान बढ़ाया: शीतल टण्डन

जिला व्यापार मण्डल द्वारा हिन्दी दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन 

सहारनपुर। उ.प्र.उद्योग व्यापार मण्डल की जिला इकाई द्वारा हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर स्थानीय रेलवे रोड पर हिन्दी साहित्य के शलाका पुरूष शैलियों के शैलीकार एवं स्वतंत्रता सेनानी डॉ. कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की साधना स्थली पर प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाये जाने वाले हिन्दी दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

जिसकी अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश मिश्र प्रभाकर ने कहा कि देश की जनभाषा हिन्दी है जो देश के प्रत्येक भाग में बोली व समझी जाती है। लेकिन आज हमारे सामने चुनौती बनी है कि हिन्दी को उसके उचित एवं गौरवशाली सिंहासन पर कैसे स्थापित रखा जाये। भारत की विभिन्न भाषाओं एवं संस्कृतियों में सामंजस्य बनाये रखने में भी हिन्दी सेतु स्वरूपा है। 

उन्हांेने कहा कि दुनिया के सबसे बडे़ लोकतंत्र भारत में वेशभूषा वर्ग, जाति, भाषा, संस्कृति की विविधता होते हुए भी भारत को एकजुटता को बनाये रखने में हिन्दी का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि संविधान में हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया था लेकिन उसी के साथ अंग्रेजी को भी 15 वर्ष के लिए सहायक भाषा का दर्जा दिया था। 

इसी कारणवश हमारे सामने एक चुनौती बनी हुई है, हिन्दी को उसके गौरवशाली सिंहासन पर कैसे स्थापित करें, इसके लिए आवश्यक है की हिन्दी को जीवन और व्यवहार में उतारने के प्रति हम सबको पूर्णतया गंभीर होना होगा। क्योंकि हिन्दी बोलने में मीठी एवं सरल भाषा है।

व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन ने कहा कि स्व.पदमश्री डा. कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर हिन्दी साहित्य की उन विभूतियों में से है, जिन्हें हिन्दी दिवस के विभिन्न अवसरों पर उनकी हिन्दी सेवाओं के लिए उ.प्र., दिल्ली की राज्य सरकारों,  महाराष्ट्र, बिहार एवं देश के तत्कालिन राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया था, उन्हीं साधना स्थली पर यह आयोजन किया गया। 

श्री टण्डन ने कहा कि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा चीनी के बाद हिन्दी ही है। पूरे विश्व मेें 60 करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते, लिखते व पढ़ते है, और देश में 55 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते हैं। 85 से 90 प्रतिशत लोग हिन्दी समझते है। 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देते हुए कहा कि श्री मोदी जो हिन्दी को जो सम्मान देने का कार्य कर रहे हैं वह अति सराहनीय एवं अभिनदंनीय है। उन्होंने 6 वर्ष पूर्व संयुक्त राष्ट्रसंघ में अपना भाषण हिन्दी में ही दिया और विदेशों में तथा देश में आने वाले विदेशी मेहमानों के साथ वे अक्सर हिन्दी में ही बात करते हैं। 

हिन्दी को यह सम्मान देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 4 अक्टूबर 1977 को संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के विदेश मंत्री के रूप में हिन्दी में भाषण दिया गया था। श्री टण्डन ने कहा कि भाषा वैज्ञानिक मानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में हिन्दी का विशेष सम्मान सिद्ध होगा। 

उन्होंने आहवान किया कि हम अपने दैनिक जीवन के व्यवहार में भी हिन्दी को अपनाये यह भी याद रखें कि यह एक गौरवशाली भाषा है और इसे गौरवशाली बनाने का आंदोलन महात्मा गांधी व स्वामी दयानंद जैसे हिन्दी भाषीयों ने शुरू किया गया। श्री टण्डन ने कहा कि उन्हें गर्व है कि 1967 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले चले हिन्दी आंदोलन में उन्होंने बडी संख्या में अपने साथियों के साथ गिरफ्तारी दी थी और तीन दिन तक सहारनपुर जेल में भी रहे। 

जिला महामंत्री रमेश अरोड़ा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलदेव राज खुंगर ने कहा कि भारत एक भूभाषीय राष्ट्र है, जहां डेढ़ दर्जन भाषाएं प्रचलित हैं, किन्तु देश के सम्पूर्ण जनमानस को राष्ट्रीय दृष्टि से जागृत करने में हिन्दी भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका विशेष उल्लेखनीय है।

 उन्होंने कहा कि हिन्दी सिनेमा में भी हिन्दी के प्रचार तथा प्रसार गीतों व संगीत के माध्यम से हिन्दी को लोकप्रिय बनाने में वर्षों से लोकप्रिय स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि हिन्दी को विश्वस्तर पर आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भी भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। पूरे विश्व की सभी भाषाओं में हिन्दी साहित्य अपना विशेष स्थान रखता है। 

इस अवसर पर उपस्थित व्यापारी प्रतिनिधियों ने हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध लेखक, पत्रकार, रचनाकार व शैलीकार डा. कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की साधना स्थली में स्थापित मानवाकार प्रतिमा पर तिरंगा अंगवस्त्र व फूलों  की माला का माल्यार्पण कर उनको नमन किया और उनके सुपुत्र अखिलेश प्रभाकर का भी पुष्प व अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया।

 इस अवसर पर व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, जिला महामंत्री रमेश अरोड़ा, वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश प्रभाकर , जिला संयोजक कर्नल संजय मिडढा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलदेव राज खुंगर, उपाध्यक्ष अभिषेक भाटिया, अशोक मलिक, प्रवीन चांदना, भोपाल सिंह सैनी व सूरज कश्यप आदि व्यापारी प्रतिनिधि शामिल रहे।