दर्द में कारगर साबित हो रही फिजियोथेरेपी: डॉ. रियाज़ुल हक

पुष्पगुच्छ भेट कर मनाया ‘वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे’

बहराइच : मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध चिकित्सालय के भौतिक चिकित्सा विभाग में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. परितोष मिश्रा और एनसीडी क्लीनिक के डॉ. पी. तिवारी को बुके भेट कर उनका स्वागत किया गया। फिजियोथेरेपी डे पर बोलते हुए डॉ. तिवारी ने कहा कि कमर, गर्दन, कंधे, घुटने का दर्द हो या दुर्घटना की चोट, चक्कर आने से लेकर लकवा, दर्द, सर्जरी से प्रसव तक में फिजियोथेरेपी कारगर साबित हो रही है।

मेडिकल कालेज एवं संबद्ध चिकित्सालय के सीनियर फिजियोथेरेपी स्पेशलिस्ट डॉ. रियाजुल हक ने कहा कि हर साल 08 सितंबर को वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे मनाया जाता है। फिजियोथेरेपी या भौतिक चिकित्सा इलाज की ऐसी तकनीक है जिसमें न्यूरोडेवलपमेंट तकनीक, एक्सरसाइज और विद्युत उपकरणों के जरिए मांसपेशियों को एक्टिव किया जाता है। जिससे दर्द में कमी आती है। 

फिजियोथेरेपी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आज डब्ल्यूएचओ गठिया और जोड़ों के दर्द से मुक्ति थीम पर फिजियोथेरेपी दिवस का आयोजन कर रहा है। फिजियोथेरेपी हड्डी और मांसपेशियों के कई तरह के दर्द में निवारक के तौर पर काम कर रही है। चिकित्सक भी अब इसे महत्वपूर्ण मानने लगे हैं। हड्डी की 50 फीसदी बीमारियों में फिजियोथिरेपी कारगर है।

फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. श्रीकांत त्रिपाठी ने बताया कि सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के लिए, फिजियोथैरेपी स्पस्टिसिटी और विकृति को कम करने में मददगार है। उन्होंने कहा कि पोस्टुरल कंट्रोल में सुधार करने, बच्चों को सिखाने के लिए सहायक उपकरणों का उपयोग करने और बच्चे की कार्यात्मक स्वतंत्रता को अधिकतम करने के लिए भी फिजियोथेरेपी आवश्यक है। फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. श्रीश प्रताप सिंह ने कहा कि पहले मरीज फिजियोथेरेपी के बारे में अंजान थे लेकिन अब लोगो में जागरूकता बढ़ी है। 

अब उन्हें दवाइयों के झंझट से जल्द छुटकारा मिल रहा है। पैरालाइज में फिजियोथेरेपी अत्यधिक कारगर साबित हो रही है। अगर मरीज फिजियोथेरेपी का सहारा ले तो उसे जल्द स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है। इस मौके पर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. तसलीम खान, मैनेजर रिजवान अली, पुनीत शर्मा, बृज प्रकाश, संतोष सिंह, सरदार संत सिंह आदि मौजूद रहे।