बाधाओं से डर कर किसी काम में सफलता नहीं मिल सकती , बिना डरे आगे बढ़ते रहना चाहिए : डॉ. आरती शुक्ला

ब्यूरो , सीतापुर : जनपद सीतापुर की तहसील व कोतवाली महमूदाबाद नगर में स्थित सीता ग्रुप आफ एजूकेशन के शास्त्री सभागार में शनिवार को कॉलेज की पुरातन मेधावी छात्रा वर्तमान समय में दिल्ली में संचालित दृष्टि आईएएस इंस्टिट्यूट के इंटरव्यू पैनल में शामिल राजनीति विज्ञान की विशेषज्ञ डॉ. आरती शुक्ला ने उपस्थित विद्यार्थियों व शिक्षकों के बीच कहा कि किसी भी काम को करने में बाधाएं जरूर आती हैं पर हमें उन बाधाओं से बिना डरे आगे बढ़ते रहना चाहिए। 

और बाधाओं से डर कर किसी काम में सफलता नहीं मिल सकती। इसी के साथ परिश्रम से हमें जी नहीं चुराना चाहिए । क्योंकि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। हम कुछ दिन की मेहनत कर अपना संपूर्ण जीवन सुखमय बना सकते हैं। अनुशासित जीवन, उचित वेशभूषा, समय का पालन कर बड़े से बड़ा मुकाम आसानी से हासिल किया जा सकता है। और उन्होंने यह भी कहा कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए आप की मेरिट मायने नहीं रखती। इसमें आपकी बौद्धिक क्षमता का विशेष महत्व है। उन्होंने ध्रुव तारें की भांति चमकने के लिए अपने लक्ष्य का निर्धारण करने की प्रेरणा विद्यार्थियों को दी। 

उन्होंने आईएएस, पीसीएस, आईएफएस पदों पर चयनित होने के लिए मार्ग में आई बाधाएं व उन से पार पाने के लिए विद्यार्थियों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का बहुत ही व्यवहारिक तरीके से उदाहरण के माध्यम से उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ समय की मेहनत कर बाकी की जिंदगी को सुखमय बनाया जा सकता है। बच्चों को अपने रोल मॉडल चुनकर उनके आदर्शों पर आगे बढ़ना होगा। शिक्षकों को रोल मॉडल चुनने में बच्चों की मदद करनी होगी। यूपीएससी के लिए महत्वपूर्ण विषय के बारे में बच्चों द्वारा पूछने पर उन्होंने बताया कि हिंदी यूपीएससी के लिए सर्वोत्तम विषय है।

 इंग्लिश विषय की तैयारी के लिए बच्चों को अपने पास शब्दकोश रखकर उसकी तैयारी करनी चाहिए। यूपीएससी में सफलता के लिए सात से आठ घंटे की मेहनत आवश्यक है। यूपीएससी पाठ्यक्रम की तैयारी के लिए उन्होंने कम से कम पांच बार रिवीजन की सलाह बच्चों को दी। लोगों के द्वारा हतोत्साहित करने पर उनकी बातों का ध्यान न देते हुए अपना लक्ष्य मेहनत के बल पर प्राप्त कर हतोत्साहित करने वालों को सटीक जवाब दिया जा सकता है। छोटे शहरों से बड़े शहरों में जाने वाले विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य का निर्धारण कर कछुए की भांति धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहना होगा। निश्चित ही सफलता प्राप्त होगी। 

शिक्षकों के द्वारा पढ़ाया गया कोई भी शीर्षक जब तक पूरी तरह समझ में न आ जाए तब तक बार-बार उसे पूछना अवश्य चाहिए। कुछ बच्चे पूछने में हिचकिचाहट रखते हैं जो ठीक नहीं है। अपने विद्यालय या संस्थान में होने वाली सभी प्रतियोगिताओं में परिणाम की चिंता किए बगैर अवश्य सम्मिलित होना चाहिए। इससे हमें किसी कार्य को करने की प्रेरणा मिलती है। सुबह से शाम तक आंखों के सामने से गुजरने वाली हर क्रिया कलाप यूपीएससी का अहम हिस्सा है।

 हम चाहे जिस पथ पर हो गुरु से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकता। इसलिए हमें अपने गुरुओं के प्रति सम्मान का भाव रखते हुए उनका आदर करते रहना चाहिए। समारोह को वरिष्ठ समाजसेविका डॉ. एमणि मिश्रा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानदायिनी मां सरस्वती व मां भारती के चित्रों पर दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ हुआ। 

आए हुए अतिथियों का स्वागत संस्था के चेयरमैन आरके वाजपेयी, डिप्टी मैनेजर आंजनेय आशीष वाजपेयी, वागीश दिनकर वाजपेयी, उप प्रधानाचार्य आरजे वर्मा, ऋतुजा वाजपेयी ने माल्यार्पण कर उत्तरीय व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। आभार प्रदर्शन कॉलेज के प्रधानाचार्य आरके वाजपेयी व संचालन शिशु भारती प्रमुख यशपाल वर्मा ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक अखिलेश दुबे, अखिलेश शर्मा, वीरेंद्र मिश्र, शिव सेवक मिश्र, अंशु गुप्ता, अनीता वर्मा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।