आंसू जब सम्मानित होंगे
मुझको याद किया जाएगा।
जहां प्रेम का चर्चा होगा
मेरा नाम लिया जाएगा।
मेरी डोली जब रुखसत होगी
पीहर में मुझको याद किया जाएगा।
जब दादा की पुस्तक खोएगी
जब दादी का चश्मा खोएगा
तब मुझको याद किया जाएगा।
जब चीजें होंगी पापा की ओझिल
मन मांँ का होगा थोड़ा बोझिल
तब मुझको याद किया जाएगा ।
जब दिखेगी भाई को कहीं राखी
खुशियां खलेगी भाभी को आधी
तब मुझको याद किया जाएगा।
जब बहन को दिखेगा सपना मेरा
मेरे सखियों को संग घुमाना होगा
तब मुझको याद किया जाएगा।
जहां प्रेम का चर्चा होगा
मेरा नाम लिया जाएगा
जब त्योहारों की गूंज उठेगी
तब ससुराल में मेरा नाम लिया जाएगा
जब पिताजी की दवाईयां घटेगीं
और सासु मांँ एड़ियां फटेगी
तब मेरा नाम लिया जाएगा ।
जब ननदों की डोली सजेगी
देवर को होली खलेगी
तब मेरा नाम लिया जाएगा ।
जब बच्चों को भूख लगेगी
और बड़ों को चाय खलेगी
तब मेरा नाम लिया जाएगा ।।
अर्चना भारती नागेंद्र
पटना (सतकपुर,सरकट्टी) बिहार