सुबह बिस्तर से उठने में होती है मुश्किल, कही ये किसी रोग का संकेत तो नहीं?

रात की अच्छी नींद के बाद सुबह उठने पर हमारा शरीर अच्छा महसूस करता है। हमारे जोड़ों को आराम मिलता है। पर, सबके साथ ऐसा नहीं होता। बहुत से लोग खुद को सुबह कई तरह की समस्याओं से घिरा पाते हैं। कुछ को थकान व कमजोरी महसूस होती है तो कुछ को उदासी घेर लेती है। कुछ को एसिडिटी परेशान करती है तो कुछ को ऐड़ी में तेज दर्द या शरीर में सूजन महसूस होती है। कभी-कभार ऐसा होना आम है, पर लंबे समय तक इनका रहना किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।

जोड़ों में दर्द और कड़ापन

सुबह के समय जोड़ों में दर्द व कड़ापन, तुरंत संतुलन बनाने और चलने-फिरने में परेशानी होना गठिया का एक प्रमुख लक्षण है। विटामिन डी और कैल्शियम की कमी भी जोड़ों से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है। ब्रिटिश जनरल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसीन के अनुसार, देर रात तक गैजेट्स का इस्तेमाल, नींद पूरी न होना और व्यायाम न करना जोड़ों पर बुरा असर डालता है।

ये करें सुधार जॉन हॉपकिंस युनिवर्सिटी के अनुसार सुबह जोड़ों की समस्याओं से बचने के लिए ये उपाय अपनाने चाहिए

● कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध व दूध से बनी चीजें, ब्रोकली, मछली, पालक, राजमा, बादाम व टोफू खाएं। विटामिन सी व डी से भरपूर चीजें खाएं।

● धूप में कुछ समय बिताएं।

● वजन काबू में रखें। व्यायाम करें।

● सूजन बढ़ाने वाले पदार्थ जैसे नमक, चीनी, एल्कोहल, कैफीन, तेल, दूध व ट्रांस फैट ओर लाल मांस कम खाएं।

● सुबह पहले बिस्तर पर ही स्ट्रेचिंग करें।

● गुनगुने पानी से शॉवर लें।

डॉक्टर से संपर्क करें जोड़ों में दर्द और कड़ापन ज्यादा होने पर डॉक्टर यूरिक एसिड, गठिया, विटामिन डी और कैल्शियम की जांच करा सकते हैं।

सिरदर्द व चक्कर आना

सुबह उठने पर सिरदर्द व चक्कर आने के कारण मामूली से लेकर गंभीर भी हो सकते हैं। रात को चाय, कॉफी या शराब अधिक पीने से डिहाइड्रेशन हो सकती है, जिससे सुबह उठने पर सिर भारी होना, सिरदर्द या चक्कर महसूस हो सकते हैं। मानसिक तनाव भी सिर दर्द का कारण हो सकता है। गंभीर कारणों की बात करें तो सुबह नियमित रूप से तेज सिरदर्द ब्रेन टॺूमर का संकेत हो सकता है। अनिद्रा, स्लीप एपनिया और माइग्रेन भी सुबह सिरदर्द या चक्कर आने का कारण हो सकते हैं। अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन के अनुसार, सुबह उठने पर सिरदर्द की समस्या महिलाओं में अधिक होती है। 40 के बाद ऐसा ज्यादा होता है।

ये करें सुधार

● देर रात तक स्क्रीन न घूरें। इससे मस्तिष्क में मैलेटोनिन हार्मोन का स्तर प्रभावित होता है, जो जागने और सोने को नियंत्रित करता है।

● सुबह उठने ही गुनगुना पानी पिएं।

● पांच बजे के बाद चाय व कॉफी का सेवन न करें। शुगर इंसुलिन के स्तर को बढ़ा देती है। कैफीन एड्रिनलीन को सक्रिय करती है, जिससे सोने में दिक्कत आ सकती है।

● पौष्टिक तत्वों से भरपूर नाश्ता करें।

● सुबह कुछ देर धूप में बिताएं, इससे सेरेटोनिन का स्तर बढ़ता है, जो ऊर्जा देता है। रात में नींद भी बेहतर आती है।

● झटके से बिस्तर से न उठें।

डॉक्टर से संपर्क करें सामान्य उपायों के बाद आराम न आने पर किसी अच्छे एमडी या न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें।

चेहरे व शरीर पर सूजन

चेहरे पर सूजन फ्लुइड रिटेंशन के कारण होती है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है। शाम या रात में अधिक सोडियम वाली चीजें खाना शरीर में वॉटर रिटेंशन को बढ़ाता है। सोडियम के कारण लोगों को प्यास अधिक लगती है, जब अतिरिक्त पानी पेशाब के साथ बाहर नहीं निकाल पाता तो वह जमा होने लगता है। हेल्थ एनसाइक्लोपीडिया के अनुसार, बहुत कम या अधिक सोना भी सूजन बढ़ाता है। अधिक शराब पीने वालों में भी सुबह चेहरे पर सूजन के संकेत देखने को मिलते हैं। इसके अलावा धूल, जानवरों की मृत त्वचा या परागकण के कारण होने वाली एलर्जिक रिएक्शन से भी चेहरे पर सूजन होने लगती है।

साइनस या हाइपोथायरॉइडिज्म के कारण भी सूजन रहती है। एंटी डिप्रेसेंट और रक्तदाब कम करने वाली दवाएं भी चेहरे पर सूजन बढ़ा सकती हैं। हाईबीपी व किडनी की समस्याओं में भी शरीर में सूजन के लक्षण देखने को मिलते हैं। अमेरिका की कैलिफोर्निया युनिवर्सिटी में हुए नए अध्ययन के अनुसार, मानसिक तनाव भी चेहरे पर सूजन का कारण बन सकता है।

ये करें सुधार

●सोडियम की अधिकता वाली चीजें जैसे बर्गर, पिज्जा, चिप्स शाम या रात में न खाएं। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट भी न लें।

●सोने से दो घंटे पहले भोजन करें। 6 घंटे से कम और 8 घंटे से अधिक न सोएं।

●चेहरे पर सूजन गलत सोने से भी होती है। पीठ के बल सोएं, पेट के बल नहीं।

●ठंडे पानी में तौलिए को डुबोकर चेहरे पर लगाएं या चेहरे पर ठंडे टी-बैग्स रखें। रात में मेकअप उतार कर सोएं।

तो डॉक्टर से संपर्क करें 

सूजन लगातार बनी रहे, खानपान और जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाने पर भी ठीक न हो या फिर आंखों में भी सूजन हो तो डॉक्टर से मिलें।

थकान और कमजोरी महसूस होना

पर्याप्त नींद के बाद भी बहुत से लोगों को सुबह के समय थकान, सुस्ती और कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा उल्टी, जी मिचलाना, सांस लेने में दिक्कत होना और चक्कर आना जैसे लक्षण भी हैं तो हाइपोग्लाइसीमिया की जांच जरूरी है। हाई बीपी औऱ थायरॉइड बढ़ने से भी ऐसा होता है। अनियमित खानपान, डायटिंग खासकर कीटो डायट से थकान औऱ कमजोरी हो सकती है। 

ये सुधार करें

●शाम पांच बजे के बाद चाय और कॉफी न पिएं। भारी भोजन न करें। 

●अलग-अलग रंगों के फल सब्जियां खाएं।

●रात में देर तक गैजेट्स इस्तेमाल न करें।

●फाइबर ज्यादा लें, ये ग्लूकोज का अवशोषण धीमा करता है। थोड़-थोड़े अंतराल पर खाएं।  

ये भी ट्राई करें

उठते ही सोशल मीडिया, ईमेल, चैट से दूर रहें।

व्यायाम करें। कुछ देर खुले में बिताएं। धूप लें।